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आपका बच्चा पढ़ाई में है कमजोर तो उसके स्टडी रूम में करें ये बदलाव, फिर देखिये चमत्कार

By Astro panchang | Jan 17, 2020

वास्तुशास्‍त्र के अनुसार, यदि अध्ययन कक्ष सही दिशा में न हो, तो इससे बच्चे की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। वह जितनी चाहे मेहनत कर ले, लेकिन वास्तुदोष के कारण उसे मेहनत के अनुरूप परिणाम नहीं मिल पाता। इसलिए बच्चे के पढ़ने के लिए अध्ययन कक्ष में दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

Tip1- वास्तु नियमों के अनुसार, बच्चों के पढ़ने का कमरा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में इस प्रकार होना चाहिए कि पढ़ाई करते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहे। पढ़ने का कमरा भवन के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में बनाना अति लाभदयाक है। इस दिशा में बुध, गुरु, चंद्र एवं शुक्र ग्रहों से उत्तम प्रभाव प्राप्त होता है। इस दिशा के कक्ष में अध्ययन करनेवाले विद्यार्थियों को बुध से बुद्धि, गुरु से महत्वाकांक्षा की वृद्धि होती है
Tip2- अध्ययन कक्ष में खिड़की या रोशनदान पूर्व-उत्तर या पश्चिम में होना श्रेष्ठ या दक्षिण में संभवतया नहीं रखें।
Tip3- अध्ययन कक्ष की रंग संयोजना सफेद, बादामी, फीका, आसमानी या हल्का फिरोजी रंग दीवारों पर और टेबल-फर्नीचर पर श्रेष्ठ है। काला, लाल, गहरा नीला रंग कमरे में नहीं होना चाहिए। 
Tip4- अध्ययन कक्ष का प्रवेश द्वार पूर्व उत्तर- मध्य या पश्चिम में रहना चाहिए। दक्षिण आग्नेय व नैऋत्य या उत्तर- वायव्य में नहीं होना चाहिए।
Tip5- अध्ययन कक्ष को अन्य कक्षों के जमीनी तल से ऊंचा या नीचा नहीं रखें। तल का ढाल पूर्व या उत्तर की ओर रखा जाए।
Tip6- शौचालय के पास पढ़ने का कमरा कभी नहीं होना चाहिए। पढ़ाई हेतु कमरे में पुस्तकों की रैक या अलमारी पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए। अगर जगह की कमी के कारण बेडरूम में पढ़ाई करनी हो, तो पढ़ने वाली मेज, लाइब्रेरी और रैक पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य में हो, लेकिन पढ़ते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा में ही हो। 
Tip7- अध्ययन कक्ष में जूते-चप्पल, मोजे पहनकर प्रवेश नहीं करना चाहिए।
Tip8- ड्रॉइंग रूम में पढ़ाई करते समय अपनी मेज, कुर्सी आदि उत्तर या उत्तर वायव्य कोण में ही रखनी चाहिए, जबकि रैक पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखनी चाहिए। मेज पर टेबल लैंप रखते समय एक बात का हमेशा ध्यान रखे लैंप मेज के दक्षिण-पूर्व दिशा में होनी चाहिए।
Tip9- अपने स्टडी टेबुल पर पूरब में माँ सरस्वती की तस्वीर रखें, हल्दी से एक स्वस्तिक बनाकर रखें। दीपक या अगरबत्ती जलाएं फिर पूरब की तरफ मुंह करके पूजा करके पढ़ाई शुरू करे, उत्तर की ओर  मुंह करके भी पढ़ सकते हैं।
Tip10- पढ़ाई में ख़ास बातों का ख्याल रखें सभी किताबों में केसर रखें, रोज बादाम शहद का सेवन करें। अपनी किताबों को रात को सोने से पहले उत्तर पूरब दिशा में रखें। 
प्रशासनिक सेवा, शिक्षा, रेलवे आदि सेवाओं की तैयारी करने वालों को पूर्व दिशा में ही पढ़ाई करना चाहिए। मेडिकल, कानून, टेक्निकल, कंप्यूटर आदि क्षेत्रों से जुड़े लोगों को अपनी पढ़ाई का कमरा दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। अकाउंट, संगीत, गायन, बैंक, व्यापार प्रबंधन आदि की तैयारी करने वालो को अपनी पढ़ाई के लिए  उत्तर दिशा का चयन करना चाहिए, जबकि रिसर्च, साहित्य, इतिहास, दर्शनशास्त्र एवं दूसरे गंभीर विषयों की तैयारी करने वालों को पश्चिम दिशा में ही अपने लिए पढ़ाई का कमरा रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, पढ़ाई का कमरा व्यवस्थित करने से मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती है तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलती है।
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