धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में खाटू श्याम ने जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वह कलयुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएंगे। इस वजह से कलियुग में उनको बाबा खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है।