मान्यता के मुताबिक भगवान को भोग स्वरूप जो प्रसाद अर्पित किया जाता है, उसको भगवान स्वयं ग्रहण करते हैं। लेकिन भोग लगाने व बनाने के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।