पौराणिक कथा के अनुसार माता अनुसूया और ऋषि अत्रि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनके पुत्र के रूप में जन्म लिया। प्रारम्भ में इनका नाम दत्त रखा गया। ऋषि अत्रि के पुत्र होने कारण इन्हे आत्रेय कहा गया। इनको सभी गुरुओं का गुरु कहा गया।