नारद मुनि एक दिव्य ऋषि और ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं। वहीं उनको 'देवर्षि' की उपाधि भी प्राप्त है। नारद मुनि तीनों लोगों में विचरण करते हैं और ऋषियों, मुनियों, देवताओं और असुरों के बीच संवाद का माध्यम बनते हैं।