वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा में घर या ऑफिस के दरवाजे का होना निगेटिव एनर्जी का कारण बन सकता है। क्योंकि ज्योतिष में दक्षिण दिशा यमराज और पितरों की दिशा मानी जाती है। लेकिन कई बार घर या ऑफिस बनवाते समय कुछ गलतियां हो जाती हैं। या फिर कोई अन्य कारण से घर का दरवाजा दक्षिण दिशा में बनवाना पड़ता है। लेकिन ऐसी गलतियां वास्तु दोष की बड़ी वजह बन सकती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपके घर या दुकान का दरवाजा दक्षिण दिशा में है, तो वास्तु दोष दूर करने के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए।
नीम का पेड़
मंगल ग्रह के प्रभाव को नीम का पेड़ निर्धारित करता है। इसलिए दक्षिण दिशा में नीम का बड़ा पेड़ होना चाहिए। अगर दक्षिणमुखी घर के सामने हरा-भरा नीम का पेड़ है, जोकि द्वार से करीब दोगुनी दूरी पर है। या फिर कोई अन्य मकान है, जो घर से दोगुना बड़ा है तो यह दक्षिण दिशा के प्रभाव को कंट्रोल करने का काम करता है।
पंचमुखी हनुमान
घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए घर के द्वार पर पंचमुखी हनुमान जी का चित्र लगाए। अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हैं, तो हनुमान जी की आशीर्वाद मुद्रा वाली मूर्ति लगाएं। इससे निगेटिव एनर्जी का प्रभाव कम होता है।
गणेश जी की दो मूर्तियां
भगवान गणेश की दो पत्थर की मूर्तियां बनवाएं। इन दोनों मूर्तियों की पीठ आपस में जुड़ी होनी चाहिए। इस जुड़ी हुई गणेश प्रतिमा को घर के मुख्य द्वार के बीच में चौखट पर लगाएं। जिसमें एक गणेश जी की मूर्ति घर के बाहर देखती हुई और दूसरी घर के अंदर की ओर देखती हुए। इस उपाय से घर में शांति बनी रहेगी और वास्तु दोष दूर होता है।
बड़ा शीशा
घर में निगेटिव एनर्जी को आने से रोकने के लिए आप प्रवेश द्वार पर एक बड़ा सा दर्पण लगाएं। यह दर्पण यानी की शीशा इतना बड़ा होना चाहिए कि घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का शीशे में पूरा प्रतिबिंब दिखाई दे। माना जाता है कि ऐसा करने से निगेटिव एनर्जी वापस लौट जाती है।