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समस्त वास्तुदोषों का निवारण करेगी गाय, वास्तुशास्त्र से गाय का अनोखा सम्बन्ध जानिए कैसे

By Astro panchang | Apr 21, 2020

घर में गाय रखने का चलन पाषाण काल से चला आ रहा है, लेकिन लोग अमीर होते जा रहे हैं इसलिए घरों में गाय बांधने से कतराते हैं या कोई भी पालतू जानवर पालने से परहेज करते हैं। अगर पालतू जानवर पालते भी हैं तो कुत्ते या बिल्लयों को। लेकिन वास्तुशास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक घर में गाय का होना बहुत ही शुभ माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। ऐसे में घर में आने वाले समस्त वास्तु दोषों को गाय को दूर करने में सक्षम बताया गया है। आइए जानते हैं गाय से किन-किन वास्तु दोषों का निवारण हो सकता है।

यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजड्गमम्।
तां धेनुं शिरसा वन्दे भूत भव्यस्य मातरम।।


अर्थात- समस्त चराचर जीवों और जगत को स्वयं में समेटे इस भूतकाल भविष्य काल की जन्मदात्री गौ माता को शीश झुका कर प्रणाम करता हुं।
समस्त सुखों की प्राप्ति की कामना हो, तो गौ सेवा जरूर करनी चाहिए। पुराणों, उपनिषदों मैं गाय की सेवा करने का विधान विस्तृत रूप से दिया गया है।

गौ सेवा से होगी संतान की प्राप्ति
यदि दांपत्य जीवन में आप सबसे बड़े कष्ट जाने की संतान हीनता से जूझ रहे हैं। तब एक बार गाय की सेवा करने का प्रयास कीजिए। एक साथ गाय में विद्यमान 33 करोड़ देवी देवताओं का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा। संतान प्राप्ति में आ रही रुकावटों और सारे वास्तु दोषों का निवारण अपने आप हो जाएगा।

कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गाय के गोबर का इस्तेमाल जरूर करें। घर में पूजा अर्चना करते समय गोबर की गौर बना कर पूजन करें। जिससे वास्तुदोषों का निवारण होगा।

यह समय ऐसा है कि प्रत्येक व्यक्ति बहुत अधिक व्यस्त है, अपने कामों को लेकर या पैसा कमाने की लत को लेकर। लेकिन कुछ जरूरी नियमों का पालन आज की मानव जाति नहीं कर रही है। जिसका उसे परिणाम भी भुगतना पड़ता है।

सबसे पहले वास्तु को ठीक करना हो तो घर में  गाय जरूर पालनी चाहिए। सुबह उठकर गौ सेवा करने से अत्यंत लाभ होता है। भोजन से पूर्व गाय के लिए रोटी निकाल कर खिलाना चाहिए।

घर में बंधी गाय का आपके बाहर जाते समय रंभाना शुभ माना जाता है। गाय के घर में होने से गृहक्लेश कोषों दूर रहते हैं।

जब घर का कोई व्यक्ति गुजर जाता है उसके लिए गौदान कराया जाता है। मान्यता के अनुसार गुजरे हुए व्यक्ति को गाय बैकुंठ धाम पहुंचाती है।

घर में पूजा के दौरान पंचामृत गाय के दूध से बनाया जाता है, जिसमें तुलसी डालकर प्रसाद रुप में ग्रहण किया जाता है। जिससे वास्तु के नक्षत्रों की प्रतिभा बढ़ती है।

नए घर के पास गाय को बांधने के लिए गौशाला बनवाना चाहिए। जिससे घर के निकट बंधी गाय समस्त भौतिक शक्तियों से मुक्ति दिलाती है। वहीं ने घर में दोषों के विकार दूर रहते हैं।
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