आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोगों को बिना किसी खास कारण के बेचैनी, उदासी और तनाव महसूस होने लगता है। यह कई बार हमारे आसपास मौजूद निगेटिव एनर्जी की वजह से होता है। जिसको वास्तु शास्त्र में 'वास्तु दोष' कहा जाता है। वास्तु के मुताबिक हमारे घर की बनावट, रंगों का चुनाव और वस्तुओं की दिशा सीधे तौर पर हमारी मानसिक शांति और भावनाओं को प्रभावित करने का काम करता है।
कई बार बाहर आते-जाते समय या फिर सबसे साथ होते हुए हमें ऐसा महसूस होता है, जैसे हम अकेले और बेबस हैं। कई बार बिना कारण रोने का मन करता है। ऐसे में अगर आप भी हर समय उदासी महसूस करते हैं, तो आप कुछ आसान वास्तु उपाय आजमाकर इस निगेटिविटी को दूर कर सकते हैं।
ऐसे दूर करें हर समय की उदासी
घर की दीवारों पर नीरस और गहरे रंग जैसे काला और भूरे रंग की बजाय हल्के और शांतिपूर्ण रंग जैसे हल्का हरा, हल्का नीला, पीला या क्रीम करवाएं। इन रंगों को सिर्फ अपने घर की दीवारों तक ही सीमित न रखें, बल्कि आप खुद भी इस तरह के रंगों के कपड़े अधिक से अधिक पहनें।
शुरूआत में हो सकता है कि आपको लगे कि यह कौन सा तरीका हुआ उदासी को दूर करने का। लेकिन यकीन मानिए कि आपको धीरे-धीरे बदलाव खुद महसूस होने लगेगा। इन चीजों को शुभ प्रभाव आप पर पड़ रहा है और आप सकारात्मकता की तरफ बढ़ रहे हैं।
हर समय की उदासी को मिटाने के लिए घर के खिड़की-दरवाजों को नियमित रूप से खोलें। जिससे कि ताजी हवा और प्राकृतिक रोशनी अंदर आ सके। सूर्य की रोशनी पॉजिटिव एनर्जी का सबसे बड़ा स्त्रोत है। वहीं अंधेरा उदासी और नकारात्मकता को बढ़ाता है।
वहीं शाम के समय पूरे घर में सुगंधित धूप या अगरबत्ती जलाएं। या फिर चंदन या लैवेंडर की खुशबू का उपयोग करें। इससे घर का वातावरण भी शुद्ध होता है और मन को शांति मिलती है। सोते समय हमेशा अपना सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर रखें।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक उत्तर दिशा में सिर करके सोने से नींद की समस्याएं और तनाव बढ़ सकता है। अपने बेडरूम में इस बात का ध्यान रखें कि सोते समय शीशे में आपका प्रतिबिंब न दिखें। अगर शीशा ऐसी जगह पर है, तो रात में इसको पर्दे से ढक दें।
बेडरूम में आमने-सामने दो शीशें लगाने से भी तनाव बढ़ता है। वहीं अगर बिस्तर के ठीक ऊपर कोई बीम है, तो वहां से बिस्तर हटा लें। या फिर बीम को फॉल्स सीलिंग से ढक लें। बीम के नीचे सोने से मानसिक दबाव बढ़ता है।
इसके अलावा घर में कहीं भी धूल, कचरा या मकड़ी के जाले न जमने दें। खासकर घर के कोनों में अच्छे से सफाई करें। घर की गंदगी निगेटिविटी और मानसिक बोझ को बढ़ाता है। घर से टूटी हुई या दरार आई हुई चीजों को हटा दें।
टूटी या दरार आई हुई चीजें नकारात्मकता लाती हैं, जोकि रिश्ते में तनाव व कलह का कारण बनती हैं। घर के पूर्व-उत्तर कोने को हमेशा साफ, हल्का और खाली रखें। क्योंकि यह दिशा शांति और मानसिक स्पष्टता से जुड़ी है। इसलिए इस दिशा में भारी सामान रखने से बचना चाहिए।
मानसिक तनाव को कम करने के लिए घर के ईशान कोण में किसी बड़े पात्र में साफ जल भरकर रखें। या फिर इस जगह एक छोटा सा पानी का फाउंटेन लगाएं।