By Astro panchang | Apr 11, 2020
मनुष्य का स्वस्थ शरीर ही उसके लिए सबसे बड़ा धन है। लेकिन इस भागदौड़ की दुनिया में जीने के मायने बदल गए हैं। जिसमें अधिकतर लोग अपने शरीर का ख्याल बिलकुल नहीं रखते हैं। बेहतर और लंबी लाइफ के लिए शरीर का स्वस्थ और तंदुरुस्त होना बहुत जरूरी है, ऐसे में स्वस्थ शरीर और बीमारियों से कोसों दूर रहने के कुछ वास्तु टिप्स हम आपको बताने जा रहे हैं, जिनका पालन करके जीवन को सुकून भरा और सुखद बना सकते हैं।
आखिर क्यों जरूरी है वास्तु को मानना?
आपकी दिनचर्या के हिसाब से प्रतिदिन आप खाना बनाने या खाने, सोने, कार्यालय में बैठने जैसी क्रियाएं करते हैं। इस तरह की दैनिक क्रियाओं को भी करने के लिए वास्तु के नियम लागू होते हैं। जिससे स्वास्थ्य लाभ अवश्य होता है। वास्तुशास्त्र पंचतत्व, दशा- दिशाओं को मिलाकर बना है एवं भौतिकता पर विश्वास रखते हुए सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जाओं को मानने के लिए बाध्य करता है। यदि मनुष्य अपने जीवन की दैनिक क्रियाओं का निर्वहन वास्तु के नियमानुसार नहीं करता तब कई तरह की शारीरिक समस्याएं इन्हीं नकारात्मक ऊर्जाओं के कारण उत्पन्न होती हैं।
ऐसे रखें अपने घर का द्वार
घर का मुख्य द्वार को ही माना जाता है, जिसकी स्थिति वास्तु के हिसाब से होनी चाहिए। वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर का मेन गेट उत्तर पूर्व अथवा दक्षिण-पूर्व की ओर रखना उचित माना जाता है। घर के प्रवेश द्वार के पास तुलसी का पेड़ लगाना शुभ होता है।
बेडरूम में इन बातों का रखें ध्यान
दिन भर की थकान को दूर करने आप आराम की नींद लेने जाएं और अनिद्रा के शिकार हों यह जायज नहीं होगा। तो ऐसे रोग से बचने के लिए वास्तु कहता है कि सोने के लिए बेड को दक्षिण से उत्तर की तरफ लगाते हुए इस स्थिति में रखें कि सिर का स्थान दक्षिण और पांव उत्तर की ओर रहें। बेडरूम में आईने को ऐसी जगह न लगाए जहां उठते ही स्वयं का चेहरा दिखे वास्तु में ये शुभ नहीं माना गया है।
घर का बाथरूम और किचन दूरी पर हों
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन को ऐसी जगह पर बनाएं जहां से बाथरूम का किसी प्रकार से संपर्क ना हो। वरना यह बीमारियों को बुलावा देने का साधन बन सकता है। घर या फ्लैट खरीदते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें किचन, बाथरूम, बेडरूम, सीढ़ियां उपयुक्त दिशा और वास्तु के हिसाब से बनी हों।आजकल के बिल्डर्स भी अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार बिल्डिंग या मकान का निर्माण करवाते हैं।
भगवान की प्रतिमा की करें स्थापना
आपको यह ज्ञात हो कि कलयुग में मनुष्य के रक्षक और संकटों के मोचक एक ही हैं, स्वयं स्वामी हनुमान जी। जिनकी कृपा से प्राणी जगत् खुद को सुरक्षित और संरक्षित महसूस करता है। जिनकी मूर्ति की स्थापना अपने घर, मकान, ऑफिस या दुकान की दक्षिण दिशा में करनी चाहिए। भगवान बजरंगबली की विशेष अनुकंपा से स्वास्थ्य बिल्कुल चंगा रहता है।
घर की सीढ़ियां मुख्य द्वार से ना दिखें
अगर घर में प्रवेश करते ही छत को जाने वाली सीढ़ियां मुख्य दरवाजे से दिखे तो यह अशुभ व स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं माना जाता है। यदि संभव हो तो सीढ़ियों को तोड़कर अन्य जगह से बनाना ठीक रहेगा। लेकिन ऐसा संभव होने पर सीढ़ियों के पास गेट या पर्दा लगाना अति आवश्यक होगा।