लड्डू गोपाल को भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप माना जाता है। आपने भी कई लोगों के घरों में लड्डू गोपाल को विराजमान देखा है। भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की सेवा एक छोटे बच्चे की तरह की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि लड्डू गोपाल की सेवा करने से जातक के घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है। हालांकि लड्डू गोपाल की सेवा के भी नियम होते हैं। ऐसे में अगर आपके घर में भी लड्डू गोपाल विराजमान हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि लड्डू गोपाल की सेवा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ध्यान रखें ये बात
लड्डू गोपाल की सेवा प्याज-लहसुन खाने वाले लोग भी कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल को भोग में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लड्डू गोपाल का भोग स्वच्छ और एकदम सात्विक होना चाहिए।
भोग लगाने का मंत्र
लड्डू गोपाल को भोग लगाने के दौरान हमेशा 'त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाणे सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर' इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे लड्डू गोपाल प्रसन्न होते हैं और भोग को भी प्रसन्नता से स्वीकार करते हैं।
जानें ये जरूरी नियम
लड्डू गोपाल के भोग में तुलसी दल को जरूर शामिल करना चाहिए। क्योंकि इसके बिना लड्डू गोपाल का भोग अधूरा माना जाता है। साथ ही घर में हमेशा एक ही लड्डू गोपाल की मूर्ति रखनी चाहिए।
अगर आपके घर में लड्डू गोपाल की एक से अधिक मूर्ति हैं, तो उनकी अलग-अलग पूजा करनी चाहिए। साथ ही यह भी माना जाता है कि घर में कभी भी लड्डू गोपाल को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
ऐसे करें सेवा
सुबह स्नान आदि करके लड्डू गोपाल को स्नान करवाएं। उनको साफ कपड़े पहनाएं और चंदन का तिलक लगाएं। लड्डू गोपाल का श्रृंगार करने के बाद उनकी विधिविधान से पूजा-अर्चना करें और भोग लगाएं। फिर आखिरी में आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटें।
दिन में कम से कम चार बार लड्डू गोपाल को भोग लगाना चाहिए। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में भोग नहीं लगाना चाहिए। प्लास्टिक की जगह आप धातु के बने बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।