हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी की पूजा की जाती है और मां लक्ष्मी के प्रसन्न होती है, तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। शुक्रवार को मां लक्ष्मी के लिए व्रत रखते हैं और शाम के समय पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि शुक्रवार को किस तरह से महालक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही मंत्र और पूजन विधि के बारे में जानें...
व्रत का संकल्प
जो लोग मां लक्ष्मी की पूजा के लिए व्रत रख रहे हैं, उनको 21 शुक्रवार व्रत रखने के लिए कहा जाता है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सुबह जल्दी स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें। फिर चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करना चाहिए। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सफेद या लाल रंग के फूल अर्पित करें। फिर उसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
मंत्र का करें 108 बार जाप
मां लक्ष्मी की फूल, अक्षत और कमलगट्टा चढ़ाए जाते हैं, जोकि मां लक्ष्मी को भी अतिप्रिय होती है। मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाकर आरती करें। मां लक्ष्मी की पूजा करते समय मां की पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए और शुद्ध वस्त्र से करना चाहिए।
ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा
शुक्रवार के दिन व्रत में दिनभर निराहार रहकर मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और शाम के समय भोजन ग्रहण किया जाता है। इस दिन मन और शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए और बुरे विचारों को मन में आने से रोकना चाहिए।
मंत्र
क्षीरोदार्णवसम्भूता लक्ष्मीश्चन्द्र सहोदरा
व्रतोनानेत सन्तुष्टा भवताद्विष्णुबल्लभा।।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी नमः
ॐ महालक्ष्म्यै नमो नमः
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः