ज्योतिष शास्त्र में रत्नों के बारे में भी उल्लेख मिलता है। मानसिक सुख-शांति और खुशहाली के लिए मोती पहनना बेहद शुभ माना जाता है। मोती का संबंध चंद्रमा से होता है और रत्न शास्त्र के मुताबिक जिन लोगों को अधिक क्रोध आता है और मन अशांत रहता है। तो वह मोती रत्न धारण कर सकते हैं। मोती को मानसिक शांति और तनाव से बचने के लिए धारण किया जाता है। इस रत्न को धारण करने से नकारात्मकता दूर होती है। लेकिन इसको धारण करने पर कुछ बातों का ध्यान न रखने से नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इसलिए कुछ लोगों को इस रत्न को धारण न किए जाने की सलाह दी जाती है।
जिन लोगों को कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है, उन लोगों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर कुंडली में चंद्रमा कमजोर नहीं होता है, उनको मोती नहीं धारण करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ रत्नों के साथ मोती नहीं पहनना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल हम आपको बताने जा रहे हैं कि मोती को किन रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए।
किन रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए मोती
बता दें कि मोती के साथ पन्ना, गोमेद, डायमंड, लहसुनिया या नीलम रत्न को धारण करने से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे चंद्रमा के अशुभ प्रभाव प्राप्त हो सकते हैं। क्योंकि शुक्र, शनि, बुध के साथ चंद्रमा की शत्रुता के कारण मोती का हानिकारक प्रभाव माना जाता है। साथ ही यह मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है।
किस रत्न के साथ धारण करें मोती
मोती रत्न को पुखराज और मूंगा रत्न धारण करना अधिक शुभ माना जाता है।
किस राशि के जातकों को नहीं पहनना चाहिए मोती
रत्न ज्योतिष के मुताबिक जिन राशियों के स्वामी ग्रह शुक्र, बुध, शनि और राहु हैं, उन जातकों को मोती नहीं धारण करना चाहिए। क्योंकि इससे राशियों को नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इसलिए मिथुन, वृषभ, कन्या, मकर और कुंभ राशि के जातकों को भी मोती पहनने से बचना चाहिए। वहीं कोई भी रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषीय सलाह जरूर लेना चाहिए।