लड्डू गोपाल की भगवान कृष्ण के स्वरूप की पूजा की जाती है। हिंदू शास्त्रों और वैष्णव परंपरा में लड्डू गोपाल की सेवा अत्यंत भावपूर्ण और नियमबद्ध तरीके से बताई गई है। इनकी सेवा करने के नियम सुबह से लेकर रात तक होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जो भी लोग लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। शास्त्रों में लड्डू गोपाल को सुलाने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से आपको भी लड्डू गोपाल की सेवा का फल मिलेगा। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि लड्डू गोपाल को सुलाने की सही विधि क्या है।
शास्त्रीय विधि
लड्डू गोपाल को समय से सुलाना चाहिए और उनको रात में 8 बजे से 9 बजे के बीच सुलाएं। शाम को संध्या आरती और भोग के बाद लड्डू गोपाल को सुलाना चाहिए।
बिस्तर साफ करें
लड्डू गोपाल को सुलाने के लिए आरामदायक और छोटा सुंदर बेड या पालना लगाना चाहिए। उनको सुलाने से पहले बेड को अच्छे से साफ कर लें। मौसम के अनुसार, लड्डू गोपाल को रात में कपड़े पहनाएं। गर्मियों में रेशमी और सूती वस्त्र पहनाकर सुलाएं। वहीं बेड पर भी रेशमी या सूती चादर बिछाएं। बेड पर तकिया और हल्का कंबल रखें। सुलाने से पहले लड्डू गोपाल के बेड के पास फूल या एक धूप बत्ती जला दें। जिससे कि उनके आसपास का माहौल सुगंधित रहें।
सुलाने से पहले सेवा करें
लड्डू गोपाल को सुलाने से पहले पानी से चरण धाओं और फिर साफ कपड़े से साफ करें। इसके बाद चंदन का लेपन करें और माथे पर भी चंदन लगाएं। रात के समय लड्डू गोपाल को हल्के भोजन का भोज लगाएं और फिर कुछ समय बाद मिश्री, दूध, माखन या केसर दूध दें।
इन मंत्रों का करें जाप
लड्डू गोपाल को सुलाने के दौरान मंत्र, लोरी या शयन आरती करें। साथ ही लड्डू गोपाल से यह भी कहें, 'श्री नंदनंदन शयन कीजै।' फिर 'सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम। विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम' मंत्र का जप करें और लड्डू गोपाल को बेड पर सुला दें।
सुलाने के बाद करें प्रार्थना
लड्डू गोपाल को सुलाने के बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए बोलें, 'प्रभु, रात्रि विश्राम शुभ हो। कल सुबह फिर से आपकी सेवा में प्रस्तुत रहूं।'