हिंदू धर्म में पूजा की शुरूआत से पहले घंटी बजाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। वहीं भारत में कई मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी कहानी और परंपरा है। मान्यता है कि घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है और आसपास का वातावरण पवित्र होता है। बता दें कि कुछ ऐसे विशेष शिव मंदिर हैं, जहां पर घंटी बजाना सिर्फ परंपरा नहीं बल्कि पूजा का अनिवार्य हिस्सा होता है। क्योंकि यहां पर बिना घंटी बजाए पूजा अधूरी मानी जाती है।
महादेव के इन मंदिरों में घंटी का विशेष महत्व है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको भारत के 3 ऐसे फेमस शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर घंटी बजाना पूजा की प्रक्रिया का अनिवार्य अंग है। तो आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...
कैलासनाथर मंदिर
तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित कैलासनाथर मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में पल्लव वंश के दौरान हुआ था। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पर पूजा-अर्चना करता है और घंटी बजाता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
इस मंदिर में घंटी बजाने की परंपरा भगवान शिव को जागृत करने की नहीं बल्कि स्वयं की चेतना को जागृत करने की प्रक्रिया होती है। क्योंकि घंटी की ध्वनि एक आध्यात्मिक कंपन उत्पन्न करती है, जोकि भक्त के ध्यान को स्थिर करती है। माना जाता है कि यहां पर बिना घंटी बजाए की गई पूजा अधूरी मानी जाती है और भक्तों को पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर
यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम स्थान रखता है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर शिवभक्तों के लिए श्रद्धा का केंद्र है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर औरंगाबाद जिले के एलोरा गुफाओं के पास स्थित है। इस मंदिर की महिमा शास्त्रों में भी वर्णित है।
इस मंदिर की एक खास परंपरा है हर भक्त को मंदिर में प्रवेश करने से पहले मुख्य द्वार पर लगी घंटी जरूर बजानी चाहिए। यह घंटी सिर्फ पूजा का शुरूआती संकेत नहीं, बल्कि यह भगवान शिव के प्रति अपनी उपस्थिति और समर्पण की घोषणा कहलाती है।
माना जाता है कि घंटी बजाने से भक्त अपनी समस्त नकारात्मकता को बाहर छोड़कर मंदिर में प्रवेश करता है। भक्तों का मानना है कि यहां घंटी बजाकर मांगी गई मनोकामना जरूर पूरी होती है।
घंटेश्वर महादेव मंदिर
बता दें कि इस मंदिर की खासियत यहां पर लगी सैकड़ों छोटी-बड़ी घंटियों की श्रृंखला है। जो दूर से ही श्रद्धालुओं का ध्यान खींचती है। यहां पर आने वाला हर भक्त दर्शन करने से पहले घंटी जरूर बजाता है। मान्यता है कि अगर कोई भक्त सच्चे मन से भगवान शिव का स्मरण करके घंटी बजाता है, तो उसकी हर इच्छा पूरी होती है।
वहीं मन्नत पूरी होने के बाद भक्त यहां पर बड़ी सी पीतल की घंटी चढ़ाते हैं। जिसको मंदिर परिसर में सम्मान के साथ टांगा जाता है। सावन और महाशिवरात्रि के खास मौके पर यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है।