होम
कुंडली
टैरो
अंक ज्योतिष
पंचांग
धर्म
वास्तु
हस्तरेखा
राशिफल
वीडियो
हिन्दी न्यूज़
CLOSE

शिवपुराण की इन गंभीर बातों का रखें ध्यान, जो देती हैं मौत के संकेत

By Astro panchang | Oct 07, 2020

भगवान महादेव जिन्हें महाकाल के नाम से पुकारा जाता है, जो काल के भी काल हैं उनके सामने मौत देने वाला काल भी सर झुकाए हुए रखता है। उन्हीं कालों के काल महाकाल से जुड़े शिवपुराण में मौत से सम्बन्धित कुछ ऐसे राज बताये गये हैं जिन्हें जानकर आप अचम्भित जरूर हो जाएंगे। तो चलिए हम इस लेख के जरिए शिवपुराण में वर्णित मौतों के सन्दर्भ में कुछ विशेष बातों की जानकारी देते हैं।

सबसे पहले जानिए शिवपुराण क्या है?
शिवपुराण एक सुप्रसिध्द पुराण है जिसमें शिव की उपासना शिव का महिमामंडन परमब्रह्म महादेव महाकाल के स्वरूप का विस्तृत वर्णन रचित मिलता है। शिवपुराण की गंभीर बातें आम जनजीवन में लागू होती हैं। वेदव्यास द्वारा रचित यह शिवपुराण बड़ा ही कल्याणकारी है, जिसमें स्वयंभू शंकर चेतनाओं के आधार का गुणगान मिलता है। 

शिवपुराण में बताई गई वो बातें जिनसे यह निश्चित हो जाता है कि किसी भी प्राणी की मौत नजदीक ही है उसके कुछ संकेत होते हैं कुछ संकेत भौतिक रूप से होते हैं कुछ काल्पनिक होते हैं, कुछ सपनों के जरिए होते हैं, कुछ हकीकत में होते हैं।

शरीर का रंग 
किसी भी व्यक्ति के शरीर का रंग यदि एकदम से सफेद या नीला पड़ जाए ऐसे व्यक्ति की मौत बहुत जल्द ही हो सकती है या ऐसा होना इस बात का संकेत हो सकता है कि ऐसा व्यक्त 6 माह के भीतर भी मर सकता है।

बायें हाथ का फड़कना 
किसी भी व्यक्ति के बायें हाथ में करीब एक हफ्ते तक लगातार फड़कन बनी रहे तो समझिए उस व्यक्ति के दिन लद चुके हैं यानि उसकी मौत एक माह के दौरान हो सकती है। 

परछाई का अलग दिखना
अपने ही शरीर से अपनी ही परछाई का अलग नजर आना मौत का संकेत माना जाता है। कहा जाता है न कि परछाई हमेशा साथ चलती है लेकिन मौत आने के समय परछाई भी साथ छोड़ देती है।

नीली मक्खियां 
भला किस घर में मक्खियों का डेरा नहीं होता लेकिन वो मक्खियां काली होती है, वहीं मौत का संकेत देने वाली मक्खियों का रंग नीला होता है। नीली मक्खियां किसी व्यक्ति को अचानक आकर घेर लें तो समझना चाहिए कि इसकी मौत निकट ही है। 

तीन दोष एक साथ हों तब
जब मानव शरीर में तीन दोष एक साथ एक ही समय आ जाते हैं तो मानव शरीर त्यागने का वक्त आ चुका है ऐसा माना जाता है। लेकिन ये तीन दोष हैं क्या आप जानते हैं, अगर नहीं तो आपको बता दें कि ये तीन दोष जो मानव शऱीर में होते हैं उन्हें कफ, पित्त और वात कहा जाता है। 

जिस व्यक्ति को तारामंडल और सूर्यमंडल ठीक से साफ-साफ नजर नहीं आता है, उसकी मौत 6 माह के भीतर हो सकती है। 

पानी, तेल, घी, सीसे आदि में अपनी परछाई न देख पाने वाला व्यक्ति मुश्किल से 6 माह तक जीवित रह पाता है।

जिस व्यक्ति को चन्द्रमा और सूरज दोनों में काला घेरा नजर आने लगे समझना चाहिए कि उसकी मौत छः माह के भीतर ही हो सकती है। 

जिसे दिशाएं घूमती हूई दिखाई दें उसकी मौत भी जल्द होने की संभावनाएं नजर आती हैं।  


Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.