घर के मंदिर में सही रंग का कपड़ा बिछाना सिर्फ सजावट से नहीं बल्कि ज्योतिषीय और आध्यात्मिक से जुड़ा होता है। ज्योतिष शास्त्र में हर एक रंग का खास ग्रह और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं मंदिर वह स्थान है, जहां पर हम ईश्वर से जुड़ते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इसलिए घर के मंदिर में हल्के और शुभ रंगों का उपयोग करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। सही रंग का कपड़ा बिछाने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। क्योंकि सही रंग हमारे मन की शांति और एकाग्रता को प्रभावित करते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर के मंदिर में किस रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए।
मंदिर में किस रंग का कपड़ा बिछाएं
घर के मंदिर में बिछाने के लिए पीले रंग का कपड़ा सबसे ज्यादा उत्तम माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में पीला रंग देवगुरु बृहस्पति से जुड़ा है। पीला रंग बुद्धि, ज्ञान, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। पीले रंग का वस्त्र बिछाने से गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और पूजा करने वाले जातक को ज्ञान की प्राप्ति होती है और जातक का आध्यात्मक विकास होता है।
वहीं घर के मंदिर में पीले रंग का इस्तेमाल करने से सकारात्मकता और मन की शांति बनी रहती है। इससे ध्यान लगाना आसान हो जाता है। पीले रंग के अलावा आप हल्के नीले या सफेद रंग का भी कपड़ा बिछा सकते हैं। सफेद रंग पवित्रता, शांति और सादगी का प्रतीक होता है और यह पूजा-पाठ के लिए भी शुभ माना जाता है।
हल्का नीला रंग मन को शांत रखने के साथ एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। ध्यान रहे कि घर के मंदिर में हमेशा हल्के और सौम्य रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह रंग सकारात्मकता और शांति लाते हैं। वहीं कुछ लोग घर के मंदिर में लाल रंग का कपड़ा बिछाते हैं। जिसको वास्तु और ज्योतिष की दृष्टि से पूरी तरह सही नहीं मानते हैं।
बता दें कि लाल रंग जोश, ऊर्जा और अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है। हालांकि लाल रंग को सौभाग्य का रंग माना जाता है। यह रंग मां लक्ष्मी और मां दुर्गा का प्रिय रंग होता है। लाल रंग के कपड़े को सीधे मंदिर के आसन पर बिछाने से अत्यधिक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जोकि पूजा स्थल की शांति को भंग कर सकता है। खासकर अगर आपके घर का मंदिर उत्तर-पूर्व यानि की ईशान कोण दिशा में हो।
इसलिए घर के मंदिर में लाल रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए। सिर्फ विशेष अवसरों पर ही लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा आप देवी-देवताओं की मूर्तियों के नीचे या फिर उनके वस्त्रों में लाल रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन मुख्य आसन पर हल्के रंग के कपड़े बिछाना शुभ और श्रेष्ठकर माना जाता है। वहीं मंदिर में आसन के लिए बिछाया गया कपड़ा साफ और शुद्ध होना चाहिए।