गणेश चतुर्थी के मौके पर गणपति बप्पा को घर लाया जाता है और उतनी ही धूमधाम से उनका विसर्जन यानी की विदा किया जाता है। बप्पा के विसर्जन के लिए विधि और नियमों का पालन करने का खास महत्व माना जाता है। इन विधि और नियमों का पालन करने से बप्पा के घर से जाने के बाद उनकी कृपा घर परिवार पर हमेशा बनी रहती है। साथ ही किसी तरह की नकारात्मक शक्ति हावी नहीं होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको गणपति विसर्जन की संपूर्ण विधि के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
सामग्री
सिंदूर
कुमकुम
अक्षत
पान
सुपारी
लौंग
इलायची
नारियल
इत्र
फूल
फल
जानें विसर्जन की विधि
गणपति विसर्जन के दिन आपको भगवान गणेश की पूजा उसी तरह की है, जैसे आपने अन्य दिनों में की है।
इसके बाद बप्पा को विदा करने से पहले उनका आसन जिस ओर रखा है, उसकी दीवार के दोनों ओर हल्दी और कुमकुम का टीका करें। इससे आप पर गणपति बप्पा का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा।
आप बप्पा को दूर्वा, नारियल, मोदक, फूल और इत्र आदि अर्पित करें।
फिर बप्पा को गोद में उठाकर ले जाएं। वहीं एक पत्ते पर गंगाजल छिड़कर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान गणेश को रखें।
अब जब आप गणपति बप्पा का विसर्जन करें, तो उन पर अक्षत, पान, कुमकुम, सुपारी, लौंग, इलायची, हल्दी आदि अर्पित करें।
इसके बाद भगवान गणेश की आरती करें।
इन मंत्रों का करें जाप
गणपति विसर्जन के मौके पर भगवान गणेश के 'ऊं श्री विघ्नराजाय नमः', 'ऊं यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥', 'गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। 'मम पूजा गृहीतां मेवं, पुनरागमनाय च॥', 'ऊं गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। यत्र ब्रह्मादयो देवाः' तत्र गच्छ हुताशन।' मंत्र का जाप करना चाहिए।
इन मंत्रों का जाप करने से घर में सिद्धि, शक्ति और सकारात्मकता बनी रहती है।