हिंदू धर्म शास्त्रों में हनुमान जी की पूजा से जुड़े नियमों का वर्णन मिलता है। वहीं लोगों के बीच कई ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं, जिनका शास्त्रों में वर्णन नहीं मिलता है। इसमें से एक नियम है कि कुंवारी कन्या द्वारा हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए। लोक मान्यता है कि यदि कोई कुंवारी कन्या हनुमान जी की पूजा-अर्चना करती है, तो उनकी शादी में देरी होने लग जाती है। इसलिए किसी भी कुंवारी कन्या को हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस लोक मान्यता में कितनी सच्चाई है। क्या वाकई में कुंवारी कन्या द्वारा हनुमान जी की पूजा करने से शादी में देरी होती है।
कुंवारी कन्याओं को क्यों नहीं करनी चाहिए हनुमान जी की पूजा
धार्मिक शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि किसी भी महिला को हनुमान जी के पूजा के समय कई नियमों का पालन करना चाहिए। लेकिन शास्त्रों में यह वर्णन नहीं मिलता है कि कुंवारी कन्या द्वारा हनुमान जी की पूजा करने से विवाह में विलंब हो सकता है।
असल में यह लोगों द्वारा बनाई और फैलाई गई एक भ्रांति है। जिसके पीछे यह वजह हो सकती है कि हनुमान जी ने विवाह नहीं किया था। हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और इसी वजह से कुंवारी कन्याओं द्वारा हनुमानजी के पूजन और विवाह में देरी की मान्यता फैली है।
हालांकि शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि यदि किसी महिला या फिर लड़की को भय लगे, या फिर उनको ऐसा लगने लगे कि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उनको नुकसान पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में हनुमान जी का नाम जप करने से भय और शत्रुओं का नाश होता है।
वहीं धार्मिक शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि मासिक धर्म के समय पूजा-अर्चना से दूरी बना लेनी चाहिए। इसमें हनुमान जी की पूजा भी आती है। इसके अलावा जो भी महिलाओं और कन्याओं द्वारा हनुमान जी की पूजा से जुड़ी धारणाएं हैं। वह पूरी तरह से निराधार हैं।