रत्न शास्त्र में ऐसे तमाम रत्नों के बारे में बताया गया है, जिनको धारण करने से व्यक्ति को तमाम तरह के लाभ मिल सकते हैं। हालांकि कुंडली में ग्रहों की स्थिति व राशि के मुताबिक रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। हर रत्न को धारण करने के अलग-अलग नियम होते हैं। जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। ऐसा ही एक रत्न माणिक्य है, जोकि लाल रंग का होता है। यह रत्न सूर्य से संबंधित माना जाता है। माना जाता है कि यदि माणिक्य रत्न को सही विधि से धारण किया जाता है, तो इससे सूर्य ग्रह मजबूत होता है और इस रत्न को धारण करने में आत्मविश्वास में वृद्धि व तरक्की होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि माणिक्य कब, किसे और कैसे धारण करना चाहिए।
कब धारण करें माणिक्य रत्न
माणिक्य रत्न का संबंध सूर्य देव से होता है। माणिक्य रत्न को रविवार को धारण करना शुभ माना जाता है और इसको पहनने से पहले शुद्धि करना बेहद जरूरी माना जाता है।
कैसे धारण करें माणिक्य
बता दें कि माणिक्य रत्न को तांबे या फिर सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण किया जा सकता है। रविवार के दिन गंगाजल और कच्चे दूध से इस अंगूठी की पहले शुद्धि करें। फिर रविवार के दिन ही इसको अनामिका उंगली में धारण करें। सूर्योदय के समय स्नान कर इस रत्न को धारण करना शुभ रहेगा। 6 से सवा 7 रत्ती का माणिक्य रत्न धारण करना शुभ माना जाता है।
किस पहनना चाहिए माणिक्य रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माणिक्य रत्न को सूर्य ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। मेष, सिंह और धनु राशि के जातक यह रत्न धारण कर सकते हैं। वहीं यदि सूर्य ग्रह एकादश, पंचम, दशम, नवम, धन भाव और ग्यारहवें भाव में उच्च के हैं, तो भी यह रत्न धारण किया जा सकता है।
किसे नहीं धारण करना चाहिए ये रत्न
तुला, कन्या, मिथुन और कुंभ राशि के जातकों को माणिक्य रत्न नहीं धारण करना चाहिए। रत्न शास्त्र के मुताबिक कुंडली में नीच का सूर्य होने पर भी माणिक्य रत्न नहीं धारण करना चाहिए। वहीं इस रत्न को धारण करने से पहले कुंडली में ग्रहों की स्थिति का विचार जरूर करना चाहिए। वहीं कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी की सलाह जरूर लें।