मां सरस्वती को विद्या, ज्ञान और वाणी की देवी कहा जाता है। मां सरस्वती की पूजा करने से जातक को बुद्धि और वाणी का आशीर्वाद मिलता है। इस बार 02 जनवरी 2025 को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। बसंत पंचमी के पर्व को बसंत ऋतु के आगमन के तौर पर भी देखा जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरूआत 02 फरवरी को सुबह 09:14 मिनट पर हो रही है। वहीं अगले दिन 03 फरवरी की सुबह 06:52 मिनट पर पंचमी तिथि समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक 02 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मां सरस्वती की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए उनकी प्रिय चीजों का भोग लगा सकते हैं।
पीले चावल
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहने जाते हैं, पीली सजावट होती है और मां सरस्वती को पीले रंग का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है। ऐसे में आप मां सरस्वती को इस दिन पीले रंग के मीठे चावल का भोग लगा सकती हैं। इस चावल में घी, सूखे मेवे, इलायची और चीनी डालकर बनाया जाता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी पर मीठे चावल का भोग लगाने से जीवन में सुख-सौभाग्य और समृद्धि का आगमन होता है।
मीठी पूरी
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को आप मीठी पूरी का भी भोग लगा सकते हैं। इस भोग को काफी शुभ माना जाता है। मीठी पूरी तैयार करने के लिए आटे में गुड़, भूरा या चीनी मिलाकर गूंथा जाता है। फिर इसको पूरियां बनाई जाती हैं।
केसर की खीर
सभी देवी-देवताओं का प्रिय भोग केसर की खीर मानी जाती है। इस खीर का भोग लगाने से मां सरस्वती आपको प्रसन्न होंगी। यह खीर चावल, चीनी, दूध, इलायची और सूखे मेवे के साथ केसर के छल्ले डालकर तैयार की जाती है।
गाजर की बर्फी
इसके अलावा आप बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती को गाजर की बर्फी का भी भोग लगा सकते हैं। गाजर की बर्फी बनाने के लिए घी, खोया, दूध और गाजर को पकाया जाता है। आप मां सरस्वती को भोग लगाने के बाद इसको प्रसाद के रूप में भी बांट सकते हैं।
कद्दू की खीर
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को भोग लगाने के लिए आप कद्दू की खीर बनाकर तैयार कर सकते हैं। इस खीर को बनाने के लिए सबसे पहले कद्दू को घिस लें। इसको दूध, चीनी, केसर और काजू-बादाम डालकर पकाया जाता है। यह खीर बेहद स्वादिष्ट होती है।