भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता कहा जाता है। गणपति की पूजा-अर्चना सभी देवी-देवताओं से पहले की जाती है। इसलिए गणपति को प्रथम पूज्य देवता भी कहा जाता है। नए घर में प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करने और विवाह जैसे मांगलिक कार्यों में गणपति की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने के दौरान उनकी स्तुति और चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान गणेश को बेलपत्र चढ़ाने से क्या होता है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गणपति को बेलपत्र चढ़ाने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। साथ ही व्यक्ति को रिद्धि-सिद्धि का भी आशीर्वाद मिलता है। भगवान गणेश को बेलपत्र अतिप्रिय है। मान्यता है कि अगर आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कुंडली में ग्रहदोष हैं, तो बुधवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गणपति को बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है।
भगवान गणेश को बेलपत्र चढ़ाने की विधि
सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान करें और फिर भगवान गणेश की प्रतिमा को शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद भगवान गणपति को कुमकुम लगाएं और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें। फिर गणपति को लाल कनेर का फूल अर्पित करें और शुद्ध जल से धोकर बेलपत्र के पत्ते की चिकनी सतह गणपति को चढ़ाएं। आप जितनी भी बार बेलपत्र चढ़ा रहे हैं, आप उतनी बार अपनी मनोकामना कहें। इससे आपको शुभ परिणाम मिलेंगे। आप भगवान गजानन को 3, 5 या 7 बार बेलपत्र चढ़ा सकते हैं। आखिर में भगवान गणेश की आरती करें।
बेलपत्र चढ़ाने के लाभ
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है और उनको बेलपत्र अर्पित करने से जीवन में आने वाली चुनौतियां, संकट और बाधाएं दूर होती हैं। वहीं संतान सुख की कामना करने वाले दंपति को भगवान गणेश को बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए। इस दौरान दंपति को 'उमापुत्राय नम:' मंत्र का जाप करते हुए 7 बेलपत्र बप्पा को चढ़ानी चाहिए। इससे जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भाग्योदय होता है।