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Ganesh Chaturthi: मोदक सिर्फ प्रसाद नहीं, ज्ञान-बुद्धि का है प्रतीक, जानिए इसका महत्व

By Astro panchang | Sep 02, 2025

गणेश उत्सव पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरह के प्रसाद का भोग लगाया जाता है। गणपति बप्पा को इनमें से सबसे ज्यादा मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। वहीं लोगों के बीच यह मान्यता है कि मोदक भगवान गणेश को सबसे ज्यादा पसंद होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर भगवान गणेश को मोदक का भोग ही क्यों लगाया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इसके पीछे की धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं क्या है।

मोदक का प्रसाद चढ़ाने का धार्मिक महत्व

धार्मिक शास्त्रों में मोदक को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। मोदक का आकार गोल होता है, जोकि पूर्णता और सुख-समृद्धि को दर्शाता है। मान्यता है कि मोदक खाने से मन और शरीर को ऊर्जा मिलती है। यह शुद्ध दूध तैयार किया जाता है।

मोदक भगवान गणेश को अतिप्रिय हैं। साथ ही लोगों को भी इसका प्रसाद अच्छा लगता है। इसको बनाने के लिए किसी भी चीज का अधिक इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसको शुद्धता के साथ बनाया जाता है। इसलिए मोदक बप्पा को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।

मोदक का मीठा स्वाद हमें यह संदेश देता है कि ज्ञान का फल हमेशा मधुर होता है।

भगवान गणेश को 21 मोदक का भोग लगाने की परंपरा काफी लंबे समय से चलता आ रहा है। 21 संख्या ब्रह्मांड की 21 ऊर्जा शक्तियों का प्रतीक मानी जाती है। मोदक चावल के आटे, नारियल और गुड़ से बनाए जाते हैं। जोकि शररी को ऊर्जा प्रदान करते हैं।

मोदक को दूध से बने खोए से भी बनाया जाता है और यह शुद्ध होता है।

मोदक को आप व्रत में भी खा सकते हैं।
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