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Mansa Devi Temple: हरिद्वार की मनसा देवी को कहा जाता है नागों की मां, दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

By Astro panchang | Aug 13, 2025

भारत में देवी-देवताओं और उनसे जुड़ी कहानियों को बेहद रोचक माना जाता है। उत्तराखंड की पावन भूमि पर स्थिति हरिद्वार में मौजूद मनसा देवी पूज्य देवियों में से एक हैं। इनकी महिमा अपरंपार है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु मनसा देवी के दर्शन के लिए आते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवी मनसा कौन हैं और वह किसकी पुत्री हैं। मनसा देवी का नागों की मां क्यों कहा जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको मनसा देवी की महिमा के बारे में बताने जा रहे हैं।

कौन हैं मनसा देवी

मनसा देवी को 'मनसा' इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि वह अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। पौराणिक कथा के मुताबिक देवी मनसा नागराज वासुकी की बहन और ऋषि कश्यप की पुत्री हैं। तो वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह भगवान भोलेनाथ की मानस पुत्री हैं। मनसा देवी को मुख्य रूप से सर्पों की देवी के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि मनसा देवी की पूजा करने से सर्पदोष से मुक्ति मिलती है और सर्पदंश का भय भी दूर होता है।

किसकी पुत्री हैं मनसा देवी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी मनसा को भगवान शिव और मां पार्वती की पुत्री भी माना जाता है। तो वहीं कुछ ग्रंथों में मनसा देवी को भगवान शिव की 'मानस पुत्री' भी कहा गया है। इसका अर्थ है कि उनका जन्म भगवान शिव के मस्तिष्क से हुआ था। इस कारण उनको मनसा के नाम से जाना जाता है। कुछ कथाओं में उनको ऋषि कश्यप की पुत्री बताया गया है। इसके अलावा उनको नागों के राजा वासुकी की बहन के रूप में भी पूजा जाता है।

क्यों कहा जाता है नागों की माता

पौराणिक कथाओं के मुताबिक मां मनसा देवी भगवान शिव के मन से उत्पन्न हुई थीं। जब भगवान शिव ने हलाहल पिया था, तो उस समय वह अत्यंत पीड़ा में थे। तब उनके मन से एक देवी प्रकट हुईं, जिन्होंने अपने प्रभाव से भगवान शिव के शरीर से विष का शमन किया। यहीं से उन देवी का नाम मनसा देवी पड़ा। विष को हरने की उनकी शक्ति स्थापित हुई। देवी मनसा को नागराज वासुकी की बहन के रूप में भी जाना जाता है। वासुकी नाम भगवान शिव के गले में रहते हैं और उनको नागों का राजा भी कहा जाता है।

महत्व

हरिद्वार में स्थित मनसा देवी का मंदिर एक सिद्ध पीठ है। यहां पर जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और देवी मनसा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मनसा देवी को संतानदात्री के रूप में भी पूजा जाता है। जिन जातकों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती है, वह मनसा देवी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी मनसा स्वस्थ और सुयोग्य संतान का वरदान प्राप्त होता है। मां मनसा को सिर्फ सर्पदंश से नहीं बल्कि विभिन्न रोगों से मुक्ति दिलाने वाली देवी भी माना जाता है।
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