जून 2025 से सिक्कम में नाथुला पास से पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने वाली है। कुछ समय पहले विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि भारत और चीन 2025 में कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। जोकि शिव भक्तों के लिए काफी बड़ी खुशखबरी है। कोविड 19 महामारी के बाद से यह यात्रा बंद कर दी गई थी। लेकिन अब करीब 5 साल बाद फिर ये यह यात्रा शुरू होने जा रही है। ऐसे में अगर आप भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूट के बारे में बताने जा रहे हैं।
मानसरोवर यात्रा का रूट
सिक्किम के लिपुलेख पास के रास्ते के अलावा नाथुला मार्ग से भी कैलाश मानसरोवर यात्रा हो सकती है। साल 2015 में इस मार्ग को खोला गया था। यह एक छोटा और आसान रास्ता है। ऐसे में तीर्थयात्री सिक्किम की राजधानी गंगटोक में भारत-चीन सीमा पार करके अपनी यात्रा शुरू करते हैं। फिर वह पवित्र झील मानसरोवर की तरफ बढ़ते हैं, जहां से हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए पवित्र आध्यात्मिक स्थल कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं। उत्तराखंड, दिल्ली और सिक्किम राज्य सरकारों के सहयोग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा आयोजिक की जाती है। इसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस का भी सहयोग होता है।
नाथुला मार्ग
यदि आप इस तीर्थयात्रा के लिए नाथुला मार्ग चुनते हैं, तो सिक्किम सरकार का कहना है कि दो केंद्र स्थापित किए जांएगे। एक केंद्र 16वें मीट पर और दूसरा हूंग झील के बगल में होगा। यह केंद्र यात्रियों को स्वास्थ्य सेवाएं, सुरक्षित रूप से आवास और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेंगे। वहीं अगर आप भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए इसी मार्ग से आने का प्लान कर रहे हैं, तो इस मार्ग के बारे में पूरी जानकारी जरूर रखें।
सुरक्षित का नाथुला मार्ग
सिक्किम में नाथुला मार्ग को इस तीर्थयात्रा के लिए सबसे सेफ और अच्छा ऑप्शन माना जाता है। क्योंकि इस क्षेत्र की सड़कें काफी अच्छी बनी हैं और आमतौर पर यहां का वातावरण भी शांत रहता है। इतना ही नहीं पूरे रास्ते में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। यात्रा के दौरान समय-समय पर पुलिसकर्मी भी दिखेंगे।
रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं
बता दें कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों को पहले रजिस्ट्रेशन कराए जाने का आदेश दिया है। तीर्थ यात्रियों से आग्रह किया जाता है कि जून-अगस्त 2025 की यात्रा के दौरान कठिन ऊंचाई वाली परिस्थितियों के लिए शारीरिक रूप से तैयार रहें। इसके साथ ही परमिट और वैध पहचान आदि जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स साथ रखें।