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Shiv Temple: भारत के इन शिव मंदिरों में घंटी बजाना अनिवार्य, वरना अधूरी मानी जाती है पूजा

By Astro panchang | Oct 03, 2025

भगवान शिव के भक्त दर्शन के लिए भारत के अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं। हर एक मंदिर की अपनी कहानी और परंपरा है। किसी मंदिर में शराब चढ़ाई जाती है, तो किसी मंदिर में घंटी बजाई जाती है। हिंदू धर्म में पूजा की शुरूआत में घंटी बजाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। माना जाता है कि घंटी की ध्वनि निगेटिव एनर्जी को दूर भगाती है और वातावरण को पवित्र करती है। लेकिन भगवान शिव के कुछ ऐसे मंदिर हैं, जहां पर घंटी बजाना सिर्फ परंपरा नहीं बल्कि पूजा का अनिवार्य हिस्सा है। इन मंदिरों में बिना घंटी बजाए पूजा अधूरी मानी जाती है।

महादेव के इन मंदिरों में घंटी बजाने का विशेष महत्व है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको भगवान शिव के उन मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर घंटी बजाना पूजा की प्रक्रिया का अनिवार्य अंग है।

कैलाशनाथ मंदिर

तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित कैलाशनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह एक प्राचीन मंदिर है, जोकि पल्लव वंश के दौरान 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। भक्तों का मानना है कि मंदिर में जो भी सच्चे मन से पूजा करता है और घंटी बजाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

कैलाशनाथ मंदिर में घंटी बजाने की परंपरा महादेव को जागृत करने की नहीं बल्कि खुद की चेतना को जागृत करने की प्रक्रिया मानी जाती है। घंटी की ध्वनि यहां पर एक आध्यात्मिक कंपन्न उत्पन्न करती है, जोकि भक्तों के ध्यान को स्थिर करती है। माना जाता है कि मंदिर में बिना घंटी बजाए की गई पूजा अधूरी मानी जाती है।

ऐसे पहुंचे कैलाशनाथ मंदिर

इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आप मेजर सिटीज से यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाई अड्डा चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।

बता दें कि कांचीपुरम रेलवे स्टेशन मुख्य शहरों से जुड़ा है।

यहां पर चेन्नई से नियमित बसों और टैक्टी की सुविधा भी उपलब्ध है। यहां तक पहुंचने के बाद कैलाशनाथ मंदिर पहुंचने में परेशानी नहीं होगी।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घृष्णेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम स्थान रखता है। यह मंदिर शिव भक्तों की श्रद्धा का केंद्र है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर औरंगाबाद जिले के एलोरा गुफाओं के पास स्थित है। इस मंदिर की महिce शास्त्रों में विशेष रूप से वर्णित है।

इस मंदिर की एक खास परंपरा है कि हर भक्त मंदिर में प्रवेश करने से पहले मुख्य द्वार पर लगी घंटी को जरूर बजाना चाहिए। ऐसा करने सिर्फ पूजा की शुरूआत का संकेत नहीं बल्कि भगवान शिव के प्रति अपनी उपस्थिति और समर्पण की घोषणा होती है।

मंदिर में प्रवेश से पहले घंटी बजाने से माना जाता है कि श्रद्धालु अपनी समस्त निगेटिविटी को बाहर छोड़कर मंदिर में प्रवेश करता है। भक्तों का ऐसा विश्वास है कि यहां घंटी बजाकर सच्चे मन से मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है।

ऐसे पहुंचे घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर

इस मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद एयरपोर्ट है। यह मंदिर से करीब 30 किमी की दूरी पर है। आप यहां पर कैब और टैक्सी लेकर आसानी से पहुंच सकते हैं।

औरंगाबाद रेलवे स्टेशन मंदिर से करीब 28-30 किमी दूर है। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी करीब 28-30 किमी है। यहां पर आपको आसानी से टैक्सी, लोकल बस और कैब आसानी से मिल जाती है।

औरंगाबाद शहर से एलोरा की तरफ जाने वाली सड़कें काफी अच्छी स्थिति में है। आप महाराष्ट्र रोडवेज की बस या फिर प्राइवेट टैक्सी से भी मंदिर पहुंच सकते हैं।

घंटेश्वर महादेव मंदिर

हरियाणा के इस मंदिर की पहचान यहां पर लगी सैकड़ों छोटी-बड़ी घंटियों की श्रृंखला है। जोकि दूर से ही श्रद्धालुओं का ध्यान खींचती है। इस मंदिर में आने वाला हर भक्त दर्शन से पहले घंटी जरूर बजाता है। भक्तों की मान्यता है कि अगर कोई जातक सच्चे मन से भगवान शिव का नाम लेकर घंटी बजाता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

कई श्रद्धालु मन्नत पूरी होने के बाद यहां पर बड़ी सी पीतल की घंटी चढ़ाते हैं। इसे मंदिर परिसर में सम्मान के साथ टांगा जाता है। सावन और महाशिवरात्रि पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस दौरान मंदिर की घंटियों की गूंज माहौल को अद्भुत बना देती है।

ऐसे पहुंचे घंटेश्वर महादेव मंदिर

इस मंदिर जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली है। जोकि मंदिर से करीब 80 किमी दूर है। आप एयरपोर्ट से टैक्सी और कैब की सुविधा आसानी से उपलब्ध है।

वहीं अगर आप ट्रेन के द्वारा मंदिर तक पहुंचना चाहते हैं, तो मंदिर से महज 2-3 किमी की दूरी पर रेवाड़ी जंक्शन रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से आप ई रिक्शा, ऑटो या टैक्सी करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

वहीं सड़क मार्ग के लिए रेवाड़ी दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित है। गुरुग्राम, दिल्ली, भिवाड़ी और जयपुर से नियमित बस सेवा और टैक्सी की सुविधा मिलेगी।
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