हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ या फिर अनुष्ठान के बाद भगवान को भोग लगाने की परंपरा है। हम सभी सदियों से इसका पालन करते आ रहे हैं। पूजा की समाप्ति के बाद ईश्वर को भोग अर्पित किया जाता है। फिर थोड़ी देर बाद यह भोग भक्तजनों में वितरित कर दिया जाता है। यह भोग भोजन या फिर मिष्ठान नहीं होता है। बल्कि यह हमारी श्रद्धा, आस्था और प्रेम से भरी एक भेंट होती है, जोकि हम ईश्वर को श्रद्धाभाव से और अपने सामर्थ्य के मुताबिक अर्पित करते हैं।
भोग लगाने के दौरान अक्सर हमारे मन में एक साल आता है कि ईश्वर के सामने भोग को कितनी देर तक रखना ठीक होता है। लेकिन क्या फौरन भोग उठा लेना चाहिए। इसको 5-10 मिनट या फिर ईश्वर के सामने ही रखा रहने देना चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि ईश्वर को भोग क्यों लगाया जाता है और भगवान को कैसे भोग लगाना चाहिए।
क्यों लगाया जाता है ईश्वर को भोग
हिंदू धर्म में भोग लगाना पूजा का एक जरूरी हिस्सा माना गया है। मान्यता है कि यह भगवान को प्रसन्न करने के लिए पहले उनको भोग लगाया जाता है। इस भोग को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। संस्कृत में इसको 'नैवेद्य' कहा जाता है। जिसका अर्थ है 'प्रस्तुति' या 'अर्पण' है, जोकि हम ईश्वर को अर्पित करते हैं। भोग में अर्पित किया जाने वाला भोग पूरी श्रद्धा और सात्विकता के साथ बनाया जाता है। इसको बिना चखे सबसे पहले भगवान को अर्पित किया जाता है।
कैसे लगाएं भगवान को भोग
अगर आप नियमित रूप से भगवान को भोग लगाती हैं, तो आपको हमेशा ऐसे बर्तन में भोग लगाना चाहिए, जिसका आप स्वयं घर में इस्तेमाल न करती हों। हमेशा साफ़-सुथरे बर्तनों में ही भोग लगाना चाहिए। भोग के लिए पीतल या चांदी के बर्तन शुभ माना जाता है। कभी भी लोहे या फिर स्टील के बर्तन में भोग नहीं लगाना चाहिए। भगवान को भोग लगाते समय कभी थाली को सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
ईश्वर के सामने कितनी देर रखें भोग
ज्योतिष के अनुसार, ईश्वर के सामने 5-10 मिनट भोग रखना चाहिए। इस दौरान आपके मन में भगवान को भोजन अर्पित करने की भावना होनी चाहिए। इस दौरान अन्य किसी सांसारिक कार्य का विचार नहीं करना चाहिए। ईश्वर के सामने अधिकतम 15 मिनट तक भोग रखना चाहिए। आपको भूलकर भी 1-2 घंटे या फिर पूरे दिन या पूरी रात ईश्वर के सामने भोग रखकर नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप पूरी रात भोग रखकर अगले दिन सुबह उसे ग्रहण करती हैं, तो यह निगेटिव एनर्जी से भर जाता है। वहीं इसको ग्रहण करने से मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं।
भोग लगाने का सही तरीका
भोग लगाते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। भोग अर्पित करने के दौरान मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
भोग लगाने के बाद भगवान की आरती की जाती है और घंटी बजाना शुभ माना जाता है।
भोग हमेशा तांबे या पीतल के पात्र में अर्पित करना चाहिए। वहीं भोग के साथ साफ जल रखना चाहिए।
भोग को हमेशा ढककर रखना चाहिए, जिससे उसमें कोई कीट, धूल या अन्य अशुद्धता न गिरे।
अगर आप भी नियमित रूप से ईश्वर को भोग अर्पित करती हैं, तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।