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चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन इस विधि से करें हवन एवं कन्या पूजन

By Astro panchang | Apr 01, 2020

हिन्दू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की बड़े उत्साह के साथ पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिन के व्रत के बाद आखरी दिन यानी नवमी के दिन नवरात्रि का हवन और कन्या पूजन के साथ उद्यापन किया जाता है। बिना उद्यापन किये नवरात्रि के व्रत पुरे नही माने जाते। नवरात्रि व्रत का उद्यापन लोग अपने मन मुताबिक अष्टमी या नवमीं तिथि को करते हैं। 

हवन सामग्री

नवमी के दिन की पूजा में माता की पंचोपचार विधि से पाद्य, आर्घ्य, आचमन, स्नान, फूल, अक्षत, चंदन, सिंदूर,फल, मिठाई से पूजा की जाती है। माता के साथ उनके गणों, योगिनियों, गणेश, इद्र दसदिक्पाल नवग्रहों, ग्राम देवता, नगर देवता, कुलदेवी और देवता सहित लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। माता की पूजा आरती के बाद हवन के साथ पान, सुपारी, नारियल और कुछ पैसे लेकर पूर्णाहुति दी जाती है।

हवन पूजा विधि

हवन करते समय सबसे पहले गंगाजल से सभी सामग्रियों को पवित्र कर लें। इसके बाद माता की मूर्ति या तस्वीर पूजा के स्थान पर स्थापित करें, माता के भोग का सामान भी चौकी के पास रखें। माता पर श्रृंगार की चीजें और लाल चुनरी चढ़ायें। अब एक मिट्टी का पात्र लें उसमें आम की सूखी लकड़ियां रखें फिर रूई में घी लगाकर लकड़ी के ऊपर रख दीजिए फिर कपूर जलाकर पात्र की ज्वाला प्रज्जवलित कीजिए। इसके बाद घर के मुख्य पुरुष 7 बार ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ मंत्र का जाप करते हुए अग्नि में घी डालेगे। इसके बाद घर के सभी सदस्य हवन सामग्री से माता के नाम से आहुति देंगे फिर सभी देवी-देवताओं से नाम से 3 या 5 बार आहुति देंगे। 

माता के मंत्र ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ का हवन करते समय 108 बार जाप करें। अंत में हवन के बाद आरती करें और हवन की भभूत सभी लोग लगाएं।

कन्या पूजन

सबसे पहले कन्याओं को अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित करें। कन्याओं के आने के बाद सबसे पहले उनके पैर धोये, पैर धोने के बाद उनके पैर साफ करके उनको आसान पर बैठा दे। अब उनके पैरों में रंग लगायें।
 
आरती को थाली में कुमकुम, चावल, फूल, रक्षासूत्र और दीपक रखें। आरती से बारी बारी कन्याओं की पूजा करें तथा उनके हाथ पर रक्षासूत्र बांधें। आरती के बाद कन्याओ को भोजन परोशें। भोजन में पूरी, खीर, हलवा, काले चने की सब्जी परोशें। भोजन के बाद कन्याओ का एक पात्र में हाथ धुलवाए। कन्याओ के उपयोग में आने वाली चीज़े उन्हें भेट में दे। अंत में उनका आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।
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