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Mahabharat Facts: महाभारत में अर्जुन की सास के बारे में कम लोग हैं वाकिफ, जानिए इन पात्रों का रहस्य

By Astro panchang | Jun 23, 2025

महाभारत काल का अपना इतिहास और हर एक पात्र की अलग कहानी है। वहीं महाभारत के कई पात्र ऐसे भी हैं, जिनके बारे में हम सभी बहुत अधिक नहीं जानते हैं। ऐसे ही पात्रों में अर्जुन की सास हैं। यही नहीं अर्जुन की द्रौपदी के अलावा अन्य तीन पत्नियां भी थीं। जिनका नाम सुभद्रा, उलूपी और चित्रांगदा था। हालांकि अर्जुन की पत्नियों के बारे में तो आप सबने से सुना होगा। लेकिन इन पत्नियों की माताओं और अर्जुन की सास के बारे में आप नहीं जानते होंगे। महाभारत में उन सभी का जिक्र मिलता है, लेकिन उनकी कई ऐसी बातें हैं, जिससे लोग अभी भी अंजान हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको महाभारत काल से जुड़े इस सभी पात्रों से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।

अर्जुन की सास
महाभारत ग्रंथ में धर्म, कर्म, न्याय और रिश्तों की जटिलता के बारे में अनगिनत बातें सामने आती हैं। इस महाकाव्य का हर एक पात्र अपना विशिष्ट स्थान और महत्व रखता है। वहीं इनके जीवन की कथाएं हमें जीवन की कई महत्वपूर्ण बातें सिखाती हैं। सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर पांडवों में माने जाने वाले अर्जुन अपनी वीरता, पराक्रम और भगवान श्रीकृष्ण के अनन्या मित्र के रूप में जाने जाते हैं। अर्जुन की सभी पत्नियां द्रौपदी, सुभद्रा, उलूपी और चित्रांगदा के बारे में कई लोग जानते हैं। ऐसे में आज हम आपको अर्जुन की सास और पत्नियों की माताओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

द्रौपदी की माता- महारानी पृषती
महाभारत काल का एक महत्वपूर्ण पात्र द्रौपदी थी। जोकि पांचाल देश के राजा द्रुपद की पुत्री थीं। पांचाली का नाम पांचों पांडवों के साथ हुआ था। जिनमें से अर्जुन प्रमुख थे। द्रौपदी स्वयंवर में अर्जुन विजय हुए थे। द्रौपदी के पिता का नाम राजा द्रुपद और उनकी पत्नी का नाम पृषती था। जोकि अर्जुन के सास-ससुर के रूप में जाने जाते थे। अर्जुन की पहली पत्नी द्रौपदी की मां महारानी पृषती एक शक्तिशाली और प्रतिष्ठित रानी थीं।

सुभद्रा की माता-महारानी रोहिणी
अर्जुन का दूसरा विवाह द्वारका के राजा वासुदेव श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा के साथ हुआ था। सुभद्रा के पिता का नाम वासुदेव और माता का नाम रोहिणी था। इस तरह से रोहिणी अर्जुन की सास थीं। सुभद्रा अपनी सुंदरता, बुद्धिमत्ता और धार्मिक स्वभाव के लिए फेमस थीं। 

महाभारत काल में महारानी रोहिणी एक शांत और ममतामई माता के रूप में वर्णित है। वह बलराम और सुभद्रा की माता थीं और वह अपने पुत्र और पुत्री से स्नेह रखती थीं। बताया जाता है कि जब अर्जुन ने सुभद्रा का हरण करके उनसे विवाह किया था, तब रोहिणी ने इस घटना को सहजता से स्वीकार किया था।

उलूपी की माता-नागमाता
अर्जुन का तीसरा विवाह नाग कन्या उलूपी के साथ हुआ था। उलूपी नागराज कौरव्य की पुत्री थीं और नागलोक की राजकुमारी भी थीं। वनवास के 12 वर्षों के दौरान अर्जुन गंगा नदी में स्नान कर रहे थे, तब उलूपी ने उनको नागलोक में खींच लिया था और अर्जुन के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। इस तरह नागराज कौरव्य और उनकी पत्नी को नागमाता के रूप में जाना जाता है। साथ ही वही अर्जुन के सास-ससुर था। लेकिन अर्जुन की तीसरी सास का महाभारत में जिक्र नहीं मिलता है।

चित्रांगदा की माता-मणिपुर की महारानी
मणिपुर के राजा चित्र वाहन की पुत्री चित्रांगदा के साथ अर्जुन का चौथा विवाह हुआ था। चित्रांगदा एक वीर और सुंदर राजकुमारी थीं। जब वनवास के दौरान अर्जुन मणिपुर पहुंचे, तो उनको चित्रांगदा से प्रेम हो गया और उन्होंने राजा चित्रवाहन से उनकी बेटी के साथ विवाह का प्रस्ताव रखा। राजा चित्रवाहन ने इस शर्त पर विवाह स्वीकार किया कि उनकी बेटी का पुत्र ही आगे चलकर मणिपुर का उत्तराधिकारी होगा और अर्जुन सदैव उनके साथ रहेंगे। इस तरह से राजा चित्रवाहन और उनकी पत्नी थी, वह आगे चलकर अर्जुन के सास-ससुर बने। हालांकि महाभारत में इनका जिक्र काफी कम मिलता है।
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