खाटू श्याम को कई नामों से जाना जाता है, जिसमें हारे का सहारा, तीन बाण धारी और शीश का दानी काफी ज्यादा फेमस है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक खाटू श्याम को जग से हारे हुए व्यक्ति का सहारा बनते हैं। साथ ही अपने भक्तों को सभी दुखों से उभारते हैं। खाटू श्याम घटोत्कच के पुत्र और भीम के पोते हैं। खाटू श्याम का असली नाम बर्बरीक है। उनको भगवान श्रीकृष्ण से अपने शीश दान देने पर आशीर्वाद मिला था कि उनको कलियुग में पूजनीय स्थान और प्रसिद्धि मिलेगी।
किस दिन करें दर्शन
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक खाटू श्याम के दर्शन एकादशी और द्वादशी तिथि पर करना शुभ माना जाता है। खासकर खाटू श्याम के दर्शन आमलकी एकादशी, जोकि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। उस दिन पर खाटू श्याम के दर्शन करने का विशेष महत्व माना जाता है।
कई भक्त इस दिन खाटू श्याम के जन्मदिन के रूप में भी मनाते हैं। वहीं कुछ भक्त कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को भी खाटू श्याम के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। ऐसे में आप इस दिन खाटू श्याम के दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।
खाटू श्याम के दर्शन के लाभ
धार्मिक मान्यता है कि एकादशी और द्वादशी तिथि पर खाटू श्याम के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इससे जातक के जीवन में आने वाली परेशानियां भी दूर होती हैं। क्योंकि खाटू श्याम जातक का सहारा बनकर उसको दुखों से उभारते हैं।
ऐसे में जो भी जातक खाटू श्याम के सच्चे मन से दर्शन करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं, तो उससे जातक के जीवन के दुख दूर हो सकते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की कोई मन्नत है, तो उसको खाटू श्याम के दरबार में कम से कम तीन बार दर्शन जरूर करना चाहिए।
अर्पित करें ये चीजें
खाटू श्याम बाबा को इत्र, गुलाब और नारियल अर्पित किए जाते हैं। इसी के साथ भोग में खाटू श्याम को गाय के दूध से बनी मिठाई, चूरमा और खीर चढ़ाया जाता है। यह खाटू श्याम बाबा का प्रिय भोग माना जाता है। वहीं कुछ भक्त बाबा को खिलौने भी चढ़ाते हैं। ऐसा करने से जातक को संतान सुख की प्राप्ति होती है।