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Kartikeya Mandir: हरियाणा के इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर है पाबंदी, जानिए क्यों नहीं करती भगवान के दर्शन

By Astro panchang | May 16, 2025

हरियाणा के पिहोवा में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगी है। हालांकि महिलाएं खुद इस मंदिर में नहीं जाना चाहती हैं। इस मंदिर में महिलाओं के न जाने की वजह मंदिर के श्राप को माना जाता है। इस श्राप का डर महिलाओं के जहन में इस कदर है कि यहां पर वह खुद से नहीं जाना चाहती हैं। माना जाता है कि जो भी महिला इस मंदिर में दर्शन कर लेती है, वह सात जन्मों तक विधवा रहती हैं। लेकिन यह कितना सच है या कितना झूठ यह तो कोई नहीं बता सकता है। लेकिन इस मंदिर के बाहर हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी भाषा में बोर्ड लगा हुआ है। जहां पर महिलाओं के लिए साफ-साफ चेतावनी लिखी है। तो आइए जानते हैं इस मंदिर में महिलाओं के न जाने का क्या कारण है।

महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी
भगवान कार्तिकेय के भारत में अनेकों मंदिर हैं। खासकर दक्षिण भारत में स्वामी कार्तिकेय के अनेकों मंदिर हैं। जहां पर स्वामी कार्तिकेय की पूजा की जाती है। हालांकि वहां पर महिलाओं का जाना वर्जित है। एक ऐसा ही मंदिर पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर स्वामी कार्तिकेय के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है। मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बंद होने का कारण भगवान कार्तिकेय द्वारा स्त्री को श्राप देना है।

जानिए क्या है वजह
जब भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती ने भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय से पृथ्वी का चक्कर लगाने को कहा। तो कार्तिकेय जी मोर पर बैठकर पृथ्वी का चक्कर लगाने निकल गए। लेकिन भगवान गणेश मां पार्वती और शिवजी के चक्कर लगाने लगे। तीन चक्कर लगाने के बाद गणेश ने कहा कि उन्होंने संपूर्ण जगत की परिक्रमा कर ली है। जिसके बाद भगवान शिव ने गणेश का राजतिलक कर दिया। साथ ही गणेश जी को शुभ-अशुभ कार्यों में पूजा का अधिकार दे दिया।

इस घटना के बारे में देवर्षि नारद ने भगवान कार्तिकेय को बताया। वहीं कार्तिकेय ने मां पार्वती से कहा का कि माता आपने मेरे साथ छल किया है। बड़ा होने के कारण राजतिलक का अधिकार मेरा था। इस घटना से क्रोधित होकर अपनी खाल और मांस उतारकर माता के चरणों में रख दिए। उन्होंने गुस्से में पूरी नारी जाति को श्राप देते हुए कहा कि जो भी स्त्री उनके इस रूप के दर्शन करेगी, वह सात जन्म तक विधवा रहेगी। हालांकि देवताओं ने कार्तिकेय को शारीरिक शांति के लिए तेल और सिंदूर का अभिषेक किया।

वहीं गुस्सा शांत होने के बाद अन्य देवताओं ने भगवान कार्तिकेय को देव सेना का सेनापति बना दिया। इसी मान्यता को देखते हुए सिर्फ पुरुष ही भगवान कार्तिकेय के पिंडी रूप के दर्शन कर सकते हैं। वहीं महिलाएं यहां पर दर्शन नहीं कर सकती हैं।

नवजात बच्ची भी नहीं जा सकती हैं मंदिर
कार्तिकेय ने श्राप दिया, तो वह पूरे संसार की महिला जाति के लिए था। इसलिए यहां पर सिर्फ महिलाओं के जाने पर पाबंदी लगी हुई है। इसके साथ ही मंदिर में नवजात बच्ची के भी मंदिर जाने पर पाबंदी लगी है। भारत में कार्तिकेय के दो मंदिर और हैं, जो काफी ज्यादा फेमस हैं। लेकिन यह एकमात्र ऐसा मंदिर हैं, जहां के प्रांगण में महिलाएं को जाना वर्जित है।

क्यों डरती हैं महिलाएं
वहीं लोगों का कहना है कि आसपास के गांव की एक महिला ने कार्तिकेय के पिंडी रूप के दर्शन किए थे। जिसके कुछ समय बाद उसके पति की मौत हो गई थी। हालांकि हमारे द्वारा इस बात की पुष्टि नहीं की जाती है। लेकिन लोगों का मानना है कि महिला ने पिंडी के दर्शन कर लिए थे, इस वजह से उसके पति की मौत हो गई थी। यही कारण है कि यहां पर महिलाएं दर्शन करने से डरती हैं।
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