धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस पर्व को पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसी दिन से 10 दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव की शुरूआत भी हो जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश के प्रतिमा भी स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक धूमधाम से भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
वहीं बड़ी संख्या में लोग भगवान गणेश के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वहीं 10 दिनों बाद यानी की अनंत चतुर्दशी पर गानों और बाजों के साथ भगवान गणेश को विदा किया जाता है। इस दौरान भगवान गणेश की प्रतिमा को किसी महासागर, तालाब आदि में विसर्जित कर दिया जाता है। इस बार 27 अगस्त 2025 को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। वहीं 10 दिन दिन बाद यानी की 06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन इस पर्व का समापन होगा। इस दिन को गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है।
शुभ योग
गणेश चतुर्थी पर शुभ योग, शुक्ल योग और सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं। इसके साथ ही हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:57 बजे से 06:04 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 05:57 बजे से 06:04 मिनट तक मान्य होगा। इस दिन शुभ योग सुबह से दोपहर 12:35 बजे तक मान्य होगा।
इस दिन न करें ये काम
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रदर्शन नहीं करना चाहिए। इस दिन चंद्रोदय सुबह 09:28 मिनट पर होगा। वहीं चंद्रमा के अस्त होने का समय रात 08:57 मिनट तक रहेगा।
शुभ समय
धार्मिक मान्यता के मुताबिक भगवान गणेश का जन्म दोपहर में हुआ था। ऐसे में उनकी स्थापना इसी काल में होनी चाहिए। हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार 26 अगस्त की दोपहर 12:40 चतुर्दशी तिथि की शुरूआत होगी। जोकि 27 अगस्त की दोपहर 03:44 बजे तक मान्य रहेगी।
शुभ मुहूर्त
27 अगस्त को 11:45 से 12:55 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इस मुहूर्त में गणपति की प्रतिमा की स्थापना सबसे शुभ रहेगी। इसके अलावा 27 अगस्त की दोपहर 01:39 से शाम 06:05 बजे तक मुहूर्त शुभ है।