आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सरस्वती आह्वान है। इस दिन को सरस्वती आह्वान कहा जाता है। आह्वान का अर्थ है कि देवी सरस्वती को अपने जीवन और घर में आमंत्रित करना है। इस बार 29 सितंबर 2025 को सरस्वती आह्वान मनाया जा रहा है। आश्विन शुक्ल पक्ष की महा सप्तमी के दिन मनाया जाएगा। सरस्वती आह्वान के दिन सौभाग्य योग, शोभन योग समेत कई प्रमुख शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योग में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से जातक को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
शुभ योग
द्रिक पंचांग के मुताबित अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12:36 मिनट तक रहेगा। वहीं इस दिन सप्तमी तिथि 29 सितंबर 04:31 मिनट तक है, इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी।
पूजन विधि
सरस्वती आह्वान का अनुष्ठान मूल नक्षत्र मुहूर्त में किया जाता है। इस दिन मां सरस्वती के विशेष मंत्र पढ़े जाते हैं। पूजा के समय मां सरस्वती के पैर धोए जाते हैं और इस दिन मां सरस्वती की मूर्ति को चंदन और कुमकुम से सजाते हैं। सफेद रंग मां सरस्वती का पसंदीदा रंग माना जाता है और इस दिन सफेद चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद सभी भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है। पूजा के समय मां सरस्वती की आरती करें।
मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥