आज यानी की 01 अक्तूबर को शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि है। इस बार शारदीय नवरात्रि 9 दिन की नहीं बल्कि 10 दिन की है। इस बार आज यानी की 01 अक्तूबर 2025 को महानवमी तिथि मनाई जा रही है। बता दें कि दुर्गा उत्सव में महाअष्टमी, महानवमी और दशहरा का बड़ा महत्व माना जाता है। महानवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही इस दिन कन्या पूजन और हवन भी किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु मां दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप की आराधना करते हैं। तो आइए जानते हैं महानवमी का शुभ मुहू्र्त, पूजन विधि और पारण विधि के बारे में...
मां सिद्धिदात्री की पूजा
नवरात्रि के 9वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त हो सकती है। मार्केण्डेय पुराण के मुताबिर अणिमा, गरिमा, महिमा, लघिमा, प्रकाम्य, प्राप्ति, ईशित्व और वशित्व कुल 8 सिद्धियां हैं। जोकि मां सिद्धिदात्री की पूजा से आसानी से सिद्ध की जा सकती हैं।
महानवमी तिथि 2025
पंचांग के मुताबिक नवमी तिथि की शुरूआत 30 सितंबर 2025 की सुबह 06:06 मिनट से हुई है। वहीं आज यानी की 01 अक्तूबर 2025 की शाम 07:01 मिनट पर नवमी तिथि की समाप्ति होगी। महानवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 01 अक्तूबर की सुबह 06:00 से 07:00 मिनट तक रहेगी। वहीं हवन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 04:53 मिनट से 05:41 मिनट तक और 08:06 से 09:50 मिनट तक है।
व्रत पारण समय
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि को 9 दिन का व्रत के पारण का समय 01 अक्तूबर की शाम 07:00 बजे के बाद रहेगा। नवमी तिथि के खत्म होने के बाद व्रत का पारण करें। बता दें कि व्रत के पारण से पहले हवन और कन्या पूजन जरूर करना चाहिए। इसके बाद ही प्रसाद खाकर व्रत का पारण करना चाहिए।