हर साल पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार 15 दिसंबर 2025 को सफला एकादशी का व्रत किया जा रहा है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। सफला एकादशी का व्रत करने से जातक को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और व्यक्ति को किस्मत का पूरा साथ मिलता है। तो आइए जानते हैं सफला एकादशी की तिथि, मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
तिथि और मुहूर्त
पौष माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि की शुरूआत 14 दिसंबर 2025 की शाम 06:50 बजे से हुई है। वहीं आज यानी की 15 दिसंबर 2025 की रात 09:21 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के मुताबिक 15 दिसंबर 2025 को सफला एकादशी का व्रत किया जाएगा। वहीं व्रत का पारण अगले दिन 16 दिसंबर को किया जाएगा।
पूजन विधि
सफला एकादशी के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि करने के लिए साफ कपड़े पहनें। वहीं संभव हो तो पीले कपड़े पहनें और फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें। अब घर के मंदिर में चौकी पर एक पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें। फिर भगवान के समक्ष दीपक जलाएं और माला, फूल, गंध, पीला चंदन और अक्षत आदि अर्पित करें। इसके बाद मंत्रों का जाप करें और आरती करें। फिर मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद पूजा के अंत में भूलचूक के लिए क्षमायाचना करें।
महत्व
जीवन में सफलता पाने, सुख-समृद्धि पाने और सभी कष्टों से मुक्ति के लिए सफला एकादशी का व्रत करना चाहिए। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस एकादशी का व्रत करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पाप नष्ट होते हैं। आर्थिक तंगी दूर करने और मानसिक शांति के लिए सफला एकादशी का व्रत करना लाभकारी होता है।
मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।