हर साल शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन यानी की आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को उपांग ललिता व्रत और पूजा की जाती है। बता दें कि मां ललिता दस महाविद्याओं में से एक और मां पार्वती का एक स्वरूप मानी जाती हैं। मां के इस स्वरूप को त्रिपुरा सुंदरी, राजेश्वरी और षोडशी आदि नामों से भी जाना जाता है। यह शक्ति, सुंदरता और सौभाग्य की देवी हैं। इस बार 26 सितंबर 2025 को उपांग ललिता व्रत किया जा रहा है। तो आइए जानते हैं उपांग ललिता व्रत की तिथि, मुहूर्त, पूजन विधि और उपायों के बारे में...
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक पंचमी तिथि की शुरूआत 26 सितंबर 2025 की सुबह 09:33 मिनट से हुई है। वहीं अगले दिन यानी की 27 सितंबर 2025 को दोपहर 12:03 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। बता दें कि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 से दोपहर 12:36 मिनट तक रहेगा।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें और फिर पूजा स्थल की साफ-सफाई करें। अब देवी ललिता की प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद कुमकुम, फूल, हल्दी, धूप, दीप और नैवेद्य से मां ललिता की विधिविधान से पूजा करें और मां को विशेषरूप से लाल रंग के फूल और लाल चुनरी अर्पित करें। पूजा के दौरान 'ऊँ ललितायै नम:' या श्री ललिता सहस्त्रनाम का जप करें। फिर कथा और आरती करके लोगों को प्रसाद वितरित करें।
उपाय
इस दिन लाल फूलों का गुच्छा मां ललिता को अर्पित करें। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
वहीं संतान सुख के लिए महिलाएं मां ललिता को दूध से बनी मिठाई अर्पित करें।
आर्थिक समृद्धि के लिए श्रीसूक्त का पाठ करें।
दांपत्य सुख के लिए दंपत्ति मिलकर मां ललिता की पूजा करें और लाल चुनरी चढ़ाएं।