हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। यह व्रत जातक के जीवन से सभी दोषों को दूर करने के साथ भगवान विष्णु की विशेष कृपा दिलाने वाला माना गया है। इस बार 08 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत किया जा रहा है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को अमृत पान कराया था। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है और साथ ही आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं मोहिनी एकादशी पर शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
तिथि और मुहूर्त
बता दें कि एकादशी तिथि की शुरूआत 07 मई की सुबह 10:19 मिनट से हुई है। वहीं आज यानी की 08 मई की दोपहर 12:29 मिनट पर एकादशी तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 08 मई 2025 को मोहिनी एकादशी का व्रत किया जा रहा है। वहीं पूजा का मुहूर्त सुबह 11:52 मिनट से दोपहर 03:26 मिनट तक है। इस समय विजय मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, बुधादित्य योग और हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग और मुहूर्त में भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातक की सभी परेशानियां दूर होती हैं।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर साफ कपड़े पहनें और फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं। फिर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद जल, फूल, माना, चंदन और अक्षत आदि अर्पित करें। फिर नैवेद्य चढ़ाएं इसके बाद घी का दीपक जलाकर एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती करें और फिर पूजन में हुई भूल चूक के लिए क्षमायाचना करें।
महत्व
मोहिनी एकादशी का व्रत करने से भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातक के सभी दुख दूर होते हैं। वहीं इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप रखकर देवताओं को अमृतपान कराया था। इस व्रत को करने से आत्मा की शुद्धि होती है और सुख, सौभाग्य व वैभव की प्राप्ति होती है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।