चंद्र ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है, उस दौरान घटित होती है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है। जिससे चंद्रमा की रोशनी पूरी तरह से या फिर आंशिक रूप से अवरुद्ध हो जाती है। हमेशा पूर्णिमा को ही चंद्र ग्रहण लगता है। इस बार 14 मार्च 2025 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। वहीं 14 मार्च को ही होली का पर्व भी मनाया जा रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण है।
कई धार्मिक मान्यताओं में चंद्र ग्रहण को नकारात्मक घटना माना जाता है। ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव बढ़ जाता है। जिससे जीवन में कष्ट, दुख और परेशानियां आ सकती हैं। इस वजह से ग्रहण के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए। वहीं ग्रहण काल में पूजा-पाठ, हवन और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों को भी न करने की मनाही होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको चंद्र ग्रहण की तारीख, समय और सूतक काल के बारे में बताने जा रहे हैं।
चंद्र ग्रहण का समय
शुरुआत- 14 मार्च, सुबह 09:29 मिनट
समाप्ति- 14 मार्च, दोपहर 03:29 मिनट
सूतक काल
भारत में इस चंद्र ग्रहण के दर्शन नहीं होंगे, इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में दिखेगा। भारत में ग्रहण न दिखने की वजह से होली के पर्व पर भी इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा। ऐसे में लोग बिना किसी धार्मिक प्रतिबंध के होली खेल सकते हैं।
खग्रास चंद्र ग्रहण
बता दें कि खग्रास चंद्र ग्रहण में चंद्रमा का सिर्फ कुछ हिस्सा ही पृथ्वी की छाया में आता है। जिसकी वजह से सिर्फ एक हिस्सा चंद्रमा का अंधेरे में डूबा दिखाई देता है। इसको खंडग्रास के रूप में देखा जाता है।