हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। रंग पंचमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित होता है। इस दिन का खास महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस बार रंग पंचमी का पर्व कब मनाया जा रहा है और रंग पंचमी का मुहूर्त, महत्व और मंत्रों के बारे में...
रंग पंचमी
हिंदू पंचांग के मुताबिक 18 मार्च की रात 10:09 मिनट पर चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शुरूआत होगी। वहीं यह तिथि 19 मार्च की रात 12:37 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से रंग पंचमी का पर्व 19 मार्च को मनाया जा रहा है। मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है।
रंग पंचमी का महत्व
बता दें कि रंग पंचमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी। राधा-कृष्ण की इस अद्भुत होली को देखने के लिए सभी देवी-देवता पृथ्वी पर पधारे थे। रंग पंचमी का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन रंगों से होली खेलने से शरीर में ऊर्जा संतुलित रहती है।
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। फिर उनको गुलाल अर्पित करें और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इस दिन पूजा और हवन आदि करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है।
इन मंत्रों का जप
श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय नमः’ ओम कृष्णाय वद्महे दामोगराय धीमहि तन्नः कृष्ण प्रचोदयात्।
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ वृषभानुज्यै विधमहे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात
ऊं ह्नीं राधिकायै नम: