हथेली में हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा के बीच के नीचे और जीवन रेखा के ऊपर वाले के हिस्से को मंगल का भाग बोला जाता है। हस्तरेखा विज्ञान में मंगल पर्वत पर त्रिभुज का निशान महत्वपूर्ण और शुभ संकेत माना जाता है। यह निशान जातक के धैर्य, साहस और निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाता है। मंगल पर्वत पर बना त्रिभुज का निशान जातक के जीवन में यश और धन की स्थिति को दर्शाता है। ऐसा जातक अपने जीवन में रिस्क लेने से नहीं डरता है। इन लोगों की जिंदगी का फलसफा 'रिस्क है तो इश्क है ' वाला होता है।
जिन जातकों के मंगल पर्वत पर त्रिभुज का चिह्न का निशान होता है, वह जातक धैर्यवान, साहसी और किसी भी परिस्थिति का डटकर सामना करने वाला होता है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल को ऊर्जा का कारक माना जाता है और यह ग्रहों का सेनापति भी होता है। लिहाजा ऐसा जातकों में फौरन फैसला लेने की क्षमता होती है, जोकि उनको जीवन में सफल बनाती है।
ये जातक सेनापति की तरह करते हैं काम
बता दें कि ऐसे जातकों में सेनापति बनने की संभावना अधिक होती है। हालांकि इसके लिए जरूरी नहीं कि यह किसी युद्ध में भाग लें। बल्कि वह किसी कॉर्पोरेट कंपनी के कर्मचारी या बिजनेसमैन भी हो सकते हैं। यह जातक जिस भी पेशे में जाते हैं, वहां पर अपनी तरह के लोगों को लीड करते हुए और उनकी तरफ से लड़ते हुए दिखेंगे।
मंगल पर्वत पर त्रिभुज का चिन्ह होना शुभ माना जाता है। ऐसा जातक कार्य में अच्छे परिणाम प्राप्त करता है और इन लोगों की एक खासियत होती है कि यह लोग कभी भी हार नहीं मानते हैं।
टूटा हो त्रिभुज का निशान
कई लोगों की हथेली के मध्य में त्रिभुज का निशान होता है, तो ऐसा जातक अस्पष्ट या टूटा हुआ होता है और इसको अशुभ माना जाता है। मंगल पर्वत पर इस तरह का निशान पाए जाने वाले जातकों का स्वभाव अच्छा नहीं माना जाता है। इन लोगों की सोच संकीर्ण हो सकती है और इन जातकों को धन कमाने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है।
अगर इन जातकों के पास पैसा आता भी है तो ये लोग बचत नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही इन जातकों को चरित्र भी संदेह पैदा करने वाला होता है। मंगल पर्वत पर अगर त्रिभुज का निशान दोषपूर्ण है, तो ऐसे जातक कायर या फिर कुछ मामलों में निर्दयी भी हो सकते हैं।