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हथेली में छुपी हुई है संतान की रेखा, जानिए कैसी होगी आपकी संतान

By Astro panchang | Mar 27, 2020

जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति की कामना होती है, वह जानना चाहते हैं कि उन्हें संतान होगी या नहीं इसके साथ ही उनके दिमाग में कई सवाल रहते हैं? संतान कैसी होगी? उसके गुण-अवगुण क्या होंगे? उसका रंग माता या पिता या परिवार के किस सदस्य पर जाएगा? ऐसे सवालों का जवाब इस लेख में हम आपको देने जा रहे हैं। सबसे पहले यह जानना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति को चाहे वह स्त्री हो या पुरुष की हथेली में छुपी संतान रेखा से यह पता लगाया जा सकता है कि उसे संतान प्राप्ति होगी भी या नहीं। जातक की हथेली में मौजूद संतान रेखा सारे संतान संबंधी सवालों का जवाब दे देती है। संतान रेखाएं पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों की हथेली में ज्यादा स्पष्ट नजर आती हैं।

हथेली में कहां होती है संतान रेखा?
 
कुछ ज्योतिषों का मानना है, संतान रेखा अंगूठे के पास मौजूद धरातल पर होती है। वहीं कुछ तथ्यों के अनुसार लिटिल फिंगर के नीचे संतान रेखा होती है। अंगूठे के धरातल पर मौजूद रेखाओं के लेकर निकाले गए निष्कर्ष का परिणाम देखें तो यह संतान रेखाएं नहीं होती। लिटिल फिंगर के नीचे मौजूद रेखा का संतान रेखा होना अधिक प्रामाणिक माना गया है। 

विवाह रेखा से मिलती हुई नजर आएगी संतान रेखा

संतान रेखा मैरिज लाइन को काटती हुई प्लस का चिन्ह बनाती हुई नजर आती है। मैरिज लाइन भी लिटिल फिंगर के ठीक नीचे नजर आती है। अगर आप ध्यान से देखेंगे तभी आप को संतान रेखा नजर आएगी। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जीवन रेखा से रिस्ट (कलाई) तक की रेखाओं की गणना करने से संतान प्राप्ति संख्या का अंदाजा लगाया जा सकता है।

कैसे जानें संतान पुत्र होगी या पुत्री?

संतान के लिंग की पहचान कलाई से जीवन रेखा के बीच मौजूद रेखाओं की गणना करने के पश्चात निकाले गए परिणामों के द्वारा की जाती है। यदि परिणाम सम संख्या में प्राप्त हुए तो संतान के पुत्री होने का अधिक जोर है। वहीं यदि परिणाम विषम संख्यायें प्राप्त होती हैं तो संतान के पुत्र होने के अवसर ज्यादा नजर आते हैं।

 हथेली पर बनी रेखाओं से जाने संतान सुख न मिलने का कारण

हथेली में मौजूद रेखाएं जीवन का राज बताती हैं, ऐसा आदिकाल से माना जाता रहा है। संतान प्राप्ति हेतु गर्भ धारण करने वाली स्त्री को भी कभी-कभी बांझपन का दंश झेलना पड़ जाता है। मानव जीवन में वास्तव में औलाद का सुख सर्व सुखों से बड़ा माना जाता है। संतान के होने से जीवन में अनुराग बना रहता है। यदि कलाई से ऊपर की कुछ रेखाएं हथेली की तरफ हटती नज़र आती हैं ऐसे दम्पत्तियों संतान सम्बन्धी दुःख झेलना पड़ सकता है।

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