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यदि हथेली की भाग्य रेखा पर है त्रिभुज तो हो जाइए सावधान

By Astro panchang | Apr 05, 2020

हमारी हथेली में कई प्रकार की रेखाएं और आकृतियां बनी हुई होती हैं। वास्तु शास्त्र में इन रेखाओं और आकृतियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। हमारे हाथ में कई प्रकार की रेखाएं हैं जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा आदि। यह सभी रेखाएं और आकृतियां बताती हैं कि हम कितने भाग्यशाली हैं। इनका सीधा संबंध हमारी जीवन में घटित हो चुकी, हो रही और होने वाली घटनाओं के साथ सीधा संबंध होता हैं। हर एक रेखा का अपना महत्व  होता है। हाथ की लकीरें हमें हमारे जीवन के बारे में काफी कुछ बताती हैं।

आज हम आपको हथेली में भाग्य रेखा के बारे में बताएंगे। ऐसा माना जाता है कि सभी रेखाओं में भाग्य रेखा का स्थान सबसे महत्वपूर्ण होता है। भाग्य रेखा का सीधा संबंध हमारे भाग्य से जुड़ा हुआ होता है।

किसी व्यक्ति का भाग्य कैसा रहेगा, वह अपनी जिंदगी में क्या करेगा इसका फैसला भाग्यरेखा ही करती हैं। भाग्य रेखा ही बताती है कि व्यक्ति अपने व्यक्ति अपने जीवन में  कितना सफल होगा, कौन सी नौकरी या व्यापार करेगा कब-कब उसके जीवन में असफलता, सफलता और कठिनाइयां आएंगी। जिन हाथों में भाग्य रेखा नहीं होती है वह व्यक्ति अपने कर्मों के द्वारा जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

कौन सी होती है भाग्य रेखा?
 
हथेली में मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है, इसे भाग्यस्थान माना जाता है। हथेली में कहीं से भी चलकर जो रेखा शनि पर्वत तक पहुंचती है उससे ही भाग्य रेखा कहते हैं।

कहां से शुरू होती है भाग्य रेखा ?

भाग्य रेखा कलाई से आरंभ होकर मध्यमा अंगुली के नीचे स्थित शनि पर्वत तक पहुंचती है। इसके अलावा भी भाग्य रेखा कई अन्य स्थानों से आरंभ हो सकती है लेकिन खत्म शनि पर्वत पर ही होती है। आम तौर पर यह रेखा मणिकर्ण, शुक्र पर्वत, जीवन रेखा, चंद्र पर्वत या ह्रदय रेखा से शुरु हो सकती है। इस रेखा के प्रारंभ स्थान से हमें भाग्य का पता लगना शुरू होता है।

भाग्य रेखा से जुड़ी कुछ अहम और महत्वपूर्ण बातें

1. यदि भाग्य रेखा मणिबंध होकर सीधे शनि पर्वत तक बिना कटे-फटे सीधी जाती है तो ऐसा व्यक्ति राजा सामान जीवन व्यतीत करता है। अगर यह रेखा बीच में कहीं कट जाती है तो उस समय व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

2. शनि पर्वत पर पहुंचकर यदि भाग्य रेखा दो रेखाओं में पट जाए और एक रेखा गुरु पर्वत पर आ जाए तो ऐसा व्यक्ति जीवन में प्रतिष्ठा और अधिक सम्मान प्राप्त करता है।

3. यदि भाग्य रेखा शनि पर्वत को पार कर मध्यम उंगली पर चढ़ जाए तो व्यक्ति कितने भी प्रयास करें उसे जिंदगी में असफलता  ही प्राप्त होगी।

4. भाग्य रेखा जितनी लंबी और गहरी होती है उस व्यक्ति का भाग्य उतना ही चमकता है।

5. यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई अन्य रेखा भाग्य रेखा के साथ-साथ चले तो व्यक्ति की शादी अत्यंत धनी परिवार में होती है। वह व्यक्ति किसी स्त्री की मदद से सफलताएं प्राप्त करता है।

6. यदि किसी व्यक्ति के हाथ में दो भाग्य रेखाएं हैं तो बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है और उसका भाग्य सबसे प्रबल माना जाता है। परंतु ऐसा लाखों में एक व्यक्ति क्या हाथ में होता है।

भाग्य रेखा पर यदि त्रिभुज हुआ तो क्या होगा?

हथेली में यदि कहीं पर भी तीन तरफ से आकर रेखाएं आपस में मिलती हों तो त्रिभुज का निर्माण होता है। यदि आपके भाग्य रेखा पर त्रिभुज का निर्माण होता है तो वह आपके भाग्य को कमजोर कर देता हैं। ऐसे जातकों को अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है।
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