ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को क्रूर ग्रह माना गया है। वहीं शनि देव को न्यायाधीश भी कहा जाता है। वह जातक को उसके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। इसलिए जब किसी राशि पर शनि की साढे़साती या ढैय्या या महादशा लगती है, तो जातक शनिदेव के प्रकोप से डरने लगते हैं। लेकिन जब शनि देव किसी पर अपनी कृपा दृष्टि डालते हैं, तो वह जातक के सोए हुए भाग्य को जगा देते हैं। लेकिन फिलहाल साल 2025 में मेष, कुंभ और मीन राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है।
हालांकि कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चलना शुरू हो चुका है। ऐसे में इस राशि के जातकों को लंबे समय से शनि के प्रकोप से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुंभ राशि के जातकों को शनि की साढ़े साती से कब निजात मिलेगी और इस दौरान आप किन उपायों से साढ़ेसाती के अंतिम चरण में राहत पा सकते हैं।
कब मिलेगी साढ़ेसाती से राहत
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंभ राशि के लोगों को शनि की साढ़े साती से 03 जून 2027 को निजात मिलेगी। इस दिन शनि देव अपनी चाल बदलकर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनि देव के इस गोचर से वृषभ राशि के लोगों पर साढ़ेसाती शुरू होगी और कुंभ राशि के जातकों की साढ़ेसाती खत्म होगी। वहीं सिंह और धनु राशि को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।
पाएं शनिदेव की कृपा
बता दें कि कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनिदेव हैं। ऐसे में शनि देव की कुदृष्टि से बचने के लिए और उनकी कृपा पाने के लिए पीपले के पेड़ में जल अर्पित करना शुरूकर दें। इस उपाय को करने से कुंभ राशि के जातकों को राहत मिलेगी।
वहीं कुंभ राशि के जातकों को शनिवार के दिन जरूरतमंदों को सरसों का तेल, काला कंबल, काले तिल और चमड़े के जूते-चप्पलों का दान करना चाहिए। इससे करियर में लाभ मिलेगा।
कुंभ राशि के जातकों को शनि दी साढ़े साती में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना करनी चाहिए। रोजाना एक लोटा जल शिवलिंग पर अर्पित करें। इस उपाय को करने से भी साढ़ेसाती में लाभ मिलेगा।