कई लोगों को मेहनत करने के बाद भी मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता है। कई बार इस कारण से लोगों को आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ता है। हालांकि वैदिक ज्योतिष में लोगों की किस्मत बदलने के बारे में कई उपायों के बारे में बताया गया है। इन उपायों को करने से व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलने लगता है और बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। इन्हीं में से एक खास उपाय चांदी का छल्ला धारण करना है। ज्योतिष शास्त्र में चांदी के छल्ले के कई फायदों के बारे में बताया गया है।
चांदी का छल्ला पहनने का तरीका और फायदा
अगर आपको भी अपनी किस्मत का साथ नहीं मिल रहा है। मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, तो परेशान होने की जगह चांदी का छल्ला खरीद लें। वैदिक ज्योतिष के हिसाब से चांदी का छल्ला राहु दोष के प्रभाव को कम कर सकता है।
चांदी का छल्ला पहनने से पहले यह जरूर जान लेना चाहिए कि यह छल्ला बिना जोड़ वाला होना चाहिए। महिलाओं को हमेशा बाएं हाथ में चांदी का छल्ला पहनना चाहिए। वहीं पुरुषों को दाएं हाथ में छल्ला पहनना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार, चांदी का छल्ला चंद्रमा का कारक माना जाता है। इसको धारण करने से कुंडली में शनि और सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है। माना जाता है कि चांदी का छल्ला पहनने से राहु दोष भी कम होता है और भाग्य मजबूत होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के हाथ के अंगूठा शुक्र ग्रह का कारक माना जाता है। वहीं चांदी का छल्ला चंद्रमा का कारक होता है। जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है, उसको हाथ के अंगूठे में छल्ला पहनना चाहिए। इससे शुक्र ग्रह मजबूत होता है और जातक को भी सभी तरह की सुख-सुविधाओं का लाभ मिलता है।
माना जाता है कि चांदी का छल्ला पहनने से बुध ग्रह भी मजबूत होता है। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक शुक्र और बुध में मित्रता का भाव होता है। चांदी का छल्ला धारण करने से शुक्र और बुध ग्रह को मजबूती मिलती है। जातक को नौकरी और व्यापार में भी सफलता मिलती है।