ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्याय और कर्म का कारक माना जाता है। शनि के प्रभाव से या तो व्यक्ति बहुत ज्यादा समृद्ध और संपन्न होता है, या फिर जीवन में तरह-तरह के कष्ट भोगता है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है। शनि एक राशि में करीब ढाईं वर्षों तक रहते हैं और फिर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसे में शनि की चाल का प्रभाव किसी न किसी रूप में जातकों पर देखने को मिलता है। वहीं शनि नौकरी का भी कारक है। जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ होते हैं, वह जातक नौकरी के साथ-साथ हर तरह की सुख-सुविधाओं का भोग करता है। तो ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि शनि की कुंडली में किसी स्थिति में होने से नौकरी के योग बनते हैं।
कुंडली में शनि के योग से अच्छी नौकरी
बता दें कि शनि ग्रह धीरे-धीरे चलने वाला ग्रह होता है। ऐसे में शनि की मंद चाल का असर व्यक्ति को उनके जीवनकाल में भी धीरे-धीरे देखने को मिलता है। इस तरह से शनि के शुभ और अशुभ फल लंबे समय तक चलता है। ज्योतिष के मुताबिक अगर कुंडली में शनि दूसरे, छठे या फिर दसवें भाव में होता है, तो ऐसे जातक को शनि देव धीरे-धीरे नौकरी में सफलता प्रदान करते हैं।
जब किसी जातक की कुंडली के दशम भाव में उच्च के, अपनी स्वराशि या फिर मूल त्रिकोण में शनि विराजमान होते हैं। तो ऐसे जातक को उच्च स्तर की नौकरी मिलती है। शनि देव ऐसे जातकों को छोटे स्तर से बड़े स्तर तक नौकरी दिलाने में सक्षम होते हैं।
अगर शनि देव की तीन दृष्टियों में कोई भी दृष्टि नौकरी के भाव पर पड़ती है, तो ऐसे जातक पहले निम्न स्तर की नौकरी करते हैं और फिर यह धीरे-धीरे तरक्की करते हुए उच्च क्षेत्र में जाते हैं।
वहीं जब शनि का संबंध चंद्र, मंगल, सूर्य, गुरु, बुध और शुक्र ग्रह से होता है, तो भी व्यक्ति को नौकरी मिलती है।
शनि पहले संघर्ष और मेहनत करवाते हैं और फिर शुभ परिणाम देते हैं। कड़ी मेहनत करवाने के बाद शनि जातकों को निम्न स्तर से उच्च स्तर तक ले जाते हैं। वहीं अगर जातक की कुंडली में शनि शुभ होते हैं, तो यह पहले छोटी नौकरी और फिर बड़ी नौकरी करवाते हैं।
शनि देव को नौकरी का कारक ग्रह भी माना जाता है। यह जातक को कड़ी मेहनत के बाद ऊंचाइयों की ओर भेजते हैं। हालांकि शुरूआती समय में शनि की वजह से नौकरी में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं जिन जातकों की कुंडली में शनि अच्छे भाव में बैठे होते हैं, तो ऐसे जातक धीरे-धीरे ऊंचाइयों की ओर जाते हैं।