आपने कुंडली में मंगल दोष के बारे में सुना होगा। हालांकि इस दोष के बारे में सुनते ही कई लोगों के मन में घबराहट पैदा होने लगती है। वहीं हमारे आसपास कई ऐसे ज्योतिष या विशेषज्ञ मौजूद हैं, जोकि मंगल दोष के नाम पर कितने पैसे ले लेते हैं। लेकिन क्या सच में मंगल दोष इतना भयानक होता है। क्योंकि हम सभी के जीवन में कई उतार-चढ़ाव और सुख-दुख आते हैं। इन चुनौतियों के पीछे हम ग्रह दोष को जिम्मेदार ठहराते हैं। इनमें से एक दोष मंगल दोष है।
ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दोष विवाह, स्वभाव और स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। लेकिन क्या आपकी कुंडली में वाकई मंगल दोष है, इसकी जानकारी कैसे की जाए। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको मंगल दोष के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि कुंडील में यह दोष कैसे बनता है और इस दोष का पता कैसे लगाएं।
क्या है मंगल दोष
ज्योतिष शास्त्र में मंगल को साहस, ऊर्जा, पराक्रम और जुनून का ग्रह माना जाता है। यह जातक के संबंधों, स्वभाव और जीवन के हर पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालता है। जब मंगल अपनी सामान्य स्थिति से हटकर कुछ विशेष भावों में होता है, तो उसको मंगल दोष के रूप में देखा जाता है। ज्योतिष गणना के मुताबिक जब जन्म कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में मंगल विराजमान होते हैं, तो मंगल दोष बनता है। माना जाता है कि मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति के विवाह में देरी हो सकती है। या फिर जातक के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। वहीं मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति को गुस्सा बहुत आता है।
ऐसे पता लगाएं
सबसे पहले जातक अपनी जन्मतिथि, जन्म का समय और जन्म स्थान नोट कर लें। आजकल ऐसी कई वेबसाइट्स और एप्स मौजूद हैं, जहां पर आप जन्मतिथि और जन्मस्थान डालकर निशुल्क अपनी कुंडली बना सकते हैं। वहीं जब एक बार आपकी कुंडली बन जाए, तो इसको डाउनलोड कर लें।
बता दें कि कुंडली में 12 भाव होते हैं। जोकि अलग-अलग बॉक्स या खाने के रूप में दिखाई देते हैं। इन भावों के ऊपर 1 से लेकर 12 तक नंबर लिखे होते हैं। इन खानों में ग्रह विराजमान होकर बैठते हैं, जिनका असर व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिलता है। कुंडली में आपको लग्न यानी की पहले भाव को पहचानना होगा। जोकि आपकी कुंडली का सबसे अहम बिंदू माना जाता है।
कुंडली में देखें मंगल की स्थिति
अगर कुंडली के पहले भाव में मंगल है, तो मंगल दोष बन सकता है। वहीं अगर कुंडली के चौथे भाव, सातवें भाव, आठवें भाव और बारहवें भाव में मंगल विराजमान हैं, तो कुंडली में मंगल दोष बन सकता है।