ज्योतिशास्त्र में सूर्य के साथ बुध का गठबंधन अत्यंत शुभकारी माना जाता है। सूर्य के साथ बुध का उदय 'बुधादित्य' योग कहलाता है। जल्द ही बुध वक्री अवस्था में तुला राशि पर गोचर करते हुए 31 अक्टूबर शनिवार को रात में 11 बजकर 38 मिनट पर उदय हो रहे हैं। इस राशि में पहले से ही सूर्यदेव विराजमान हैं इसलिए बुध के उदय होते ही बुधादित्य योग का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। जिन राशियों के लिए बुधादित्य योग से शुभ होगा उन्हें जीवन में पूर्ण सफलता प्राप्त होगी। वहीं, जिनके लिए बुध अशुभ भाव में रहेंगे उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बुध का उदय सूर्य के साथ होने से 'बुधादित्य योग' का निर्माण सभी राशियों को किस तरह प्रभावित करेगा -
मेष राशि
राशि से सप्तम भाव में बुधादित्य योग का निर्माण होना मेष राशि के जातकों के लिए बेहद शुभकारी साबित होगा। इस राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर आर्थिक मजबूती प्रदान करेगा। आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनेंगे और रुका हुआ धन मिलेगा। व्यापारियों के लिए तो यह गोचर उत्तम रहेगा। अगर व्यापार से संबंधित कोई बड़ा कार्य आरंभ करना चाहते हैं या कोई बड़ा निर्णय लेना चाहते हैं तो सफलता मिलेगी। विवाह के योग बन रहे हैं।
वृषभ राशि
राशि से छठे भाव में बुध के उदय होने से स्वास्थ्य पर कुछ विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। वृषभ राशि के जातकों को पेट संबंधी विकार, त्वचा संबंधी रोग तथा दवाओं के रिएक्शन से बचाव करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही धन के लेन-देन के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। बुध के साथ सूर्य के गठबंधन से कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी। वृषभ राशि के जातकों को शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी सफलता मिलेगी और नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे।
मिथुन राशि
राशि से पाँचवें भाव में बुध का उदय होना आपके लिए है अत्यंत शुभ रहेगा। कार्य-व्यापार में उन्नति होगी और रोजगार की दिशा में किए गए सभी प्रयास सार्थक रहेंगे। विद्यार्थियों को शिक्षा और प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। मिथुन राशि के जातकों के लिए संतान सुख के योग बने हुए हैं। रुके हुए काम बनेंगे और अधिकारीयों का सहयोग मिलेगा।
कर्क राशि
राशि से चौथे भाव में बुद्ध का उदय कर्क राशि के जातकों के लिए अत्यंत फलदायी रहेगा। बुध के गोचर से मित्रों तथा संबंधियों से लाभ मिलेगा। मकान और वाहन का सपना पूरा होगा। शासन-सत्ता से सहयोग मिलेगा और शीर्ष अधिकारियों संबंध मधुर बनेंगे। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और नौकरी में पदोन्नति के योग बनेंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में भी निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत हैं।
सिंह राशि
राशि से पराक्रम भाव में बुध का उदय होना आपके स्वभाव में सौम्यता तो लाएगा ही आपके द्वारा लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना भी होगी। जो लोग आप को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे थे वही आपकी मदद करने के लिए आगे आएंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे, आर्थिक सहयोग भी करेंगे। विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन करना सफल रहेगा।
कन्या राशि
कन्या राशि में बुध के गोचर से आर्थिक पक्ष में मजबूत बनेगा। शुक्र के साथ मिलकर बुध का योग अप्रत्याशित सफलताओं की ओर संकेत कर रहा है। कोई भी बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना चाहें तो विलंब न करें, सफलता मिलने के पूर्ण योग हैं। इसके साथ ही आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनेंगे। मकान और वाहन की खरीदारी कर सकते हैं।
तुला राशि
आपकी राशि में भाग्य के स्वामी बुध का उदय होना साथ ही शुक्र के साथ इनके द्वारा बनाए गए योग के प्रभावस्वरूप आपके लिए यह समय किसी वरदान से कम नहीं है। महिला वर्ग को तो कार्यक्षेत्र में और अधिक सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों अथवा प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी ग्रह गोचर अति शुभ फलदायक सिद्ध होगा। मित्रों से सुखद समाचार मिलेगा। उच्चाधिकारियों से भी मधुर संबंध बनाए रखें।
वृश्चिक राशि
राशि से हानिभाव में बुध के उदय होने स्वास्थ्य के प्रति कुछ विपरीत प्रभाव डाल सकता है। अत्यधिक भागदौड़ और कष्ट कर यात्राएं भी करवा सकता है। आयात निर्यात का व्यापार करने वाले व्यापारियों के लिए योग उत्तम फलदायक रहेगा। इस बात का सदैव ध्यान रखें कि आपका अधिक धन उधार के रूप में उलझने ना पाए अन्यथा आर्थिक हानि की संभावना रहेगी। आय-व्यय का अनुपात बराबर रहेगा।
कुंभ राशि
राशि में बुध का उदय अत्यंत शुभकारी फल दिलाएगा। बुध के गोचर से भाग्य में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी और नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे हैं। स्थान परिवर्तन के लिए प्रयास करना चाह रहे हों तो अवसर अच्छा है। आपके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना होगी। अपनी योजनाओं एवं ऊर्जा शक्ति का भरपूर उपयोग करें।
मीन राशि
राशि से आठवें भाव में बुध के उदय होने के फलस्वरुप आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। त्वचा संबंधी रोग, दवाओं के रिएक्शन, हृदय एवं पेट संबंधी विकार से बचें। कार्यक्षेत्र में भी शत्रुओं से सावधान रहें। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों एवं बुजुर्गों के प्रति अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। मकान और वाहन खरीदने में थोड़ा विलंब हो सकता है।