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जानें ग्रहों के अनुसार नवग्रह दोष दूर करने के उपाय

By Astro panchang | Jan 01, 2021

ज्योतिशास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में नवग्रहों में से कोई भी ग्रह  बुरी स्थिति में पड़ा हो और हानिकारक हो रहा हो, तो इसे ग्रह दोष माना जाता है। कुंडली में ग्रह दोष के कारण जातक को जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ग्रह दोष के कारण धन हानि, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, शत्रुता, कलह और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ज्योतिषशास्त्र में ग्रह दोष को दूर करने के उपाय भी बताए गए हैं। यदि इन उपायों को विधिवत करने से ग्रह दोष समाप्त होते हैं। आज के इस लेख में हम आपको नवग्रहों के दोष को दूर करने के उपाय बताने जा रहे हैं -     

सूर्य दोष 
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में सूर्य दोष के कारण सिरदर्द, बुखार, नेत्र संबंधी कष्ट, असाध्य रोगों के कारण परेशानी, सरकार के कर विभाग से परेशानी और नौकरी में बाधा आ सकती है। 

उपाय :
कुंडली में सूर्य दोष दूर करने के लिए भगवान विष्णु की आराधना  करें और प्रतिदिन 'ऊं नमो भगवते नारायणाय' मंत्र का 1 माला लाल चंदन की माला से जाप करें। रविवार को सूर्योदय के समय दाएं हाथ की मध्यमा अंगूली में धारण करें, इससे सूर्य से संबंधी सभी दोष दूर हो जाएंगे। 
रविवार को बहते जल में 250 ग्राम गुड़ प्रवाहित करें। प्रतिदिन घर में बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें। 

चंद्र दोष 
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी जातक की कुंडली में चंद्र बुरी स्थिति में हो और पाप ग्रस्त हो तो इस कारण जुखाम, पेट की बीमारियों से परेशानी, अकारण शत्रुओं का बढ़ना, धन की हानि, मानसिक पीड़ा, जल तत्व से जुड़ा रोग व पद व गुण हानि की समस्याएं आती हैं।

उपाय:
भगवान शिव की आराधना करें और 'ऊं नम शिवाय मंत्र' का रूद्राक्ष की माला से 11 माला जाप करें। सोमवार को सफेद कपड़े में चावल और मिश्री बांधकर जल में बहते प्रवाहित करें। बड़े बुजुर्गों, ब्राह्मणों और गुरूओं का आशीर्वाद लें। सोमवार को चांदी की अंगूठी में चार रत्ती का मोती अनामिका में धारण करें। 

मंगल दोष 
कुंडली में मंगल दोष के कारण घर में कलह, चोरी होने का डर, भाई के साथ मनमुटाव, दांपत्य जीवन में तनाव और अकाल मृत्यु की आशंका रहती है। 

उपाय
मंगल संबंधी दोषों को दूर करने के लिए भगवान हनुमान की आराधना करें और 'ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम:' मंत्र का 1 माला जाप करें। प्रतिदिन हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का पाठ करने से भी मंगल दोषों से मुक्ति मिलती है। त्रिधातु से बनी अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका ऊँगली में धारण करें। चावल को दूध से धोकर 14 दिन तक बहती धारा में प्रवाहित करें। घर में नीम का पौधा लगाने से भी मंगल दोष समाप्त होते हैं। 

बुध दोष 
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी जातक की कुंडली में बुध दोष होने पर शारीरिक और मानसिक पीड़ा, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, धन हानि, दांत से जुड़े रोग, सिरदर्द व तनाव होता है। 

उपाय
कुंडली में बुध दोष को दूर करने के लिए मां दुर्गा की आराधना करें और 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' मंत्र का 5 माला जाप करें। घर की पूर्व दिशा में लाल झंडा लगाएं। सोने के आभूषण धारण करें। कुंडली में बुध दोष हो तो हरे रंग से परहेज करें। घर में खाली बर्तनों को ढ़ककर न रखें। चौड़े पत्ते वाले पौधे घर में लगाएं। बहते जल में चावल और चने की दाल को प्रवाहित करें। 

गुरू दोष 
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरु दोष के कारण मान-सम्मान में कमी, झूठे आरोप, उच्च शिक्षा में बाधा, पिता को हानि और पीलिया आदि जैसे रोग व समस्याएं होने की आशंका रहती है। 

उपाय:
गुरु दोष दूर करने के लिए पूजा स्थल की नियमित रूप से सफाई करें। भगवान ब्रह्मा की आराधना करें और माथे पर केसर का तिलक लगाएँ। बृस्पतिवार को चने की दाल मंदिर में दान करें। पीपल के पेड़ पर 7 बार पीला धागा लेपटकर जल अर्पित करें। गुरुवार को सोने की अंगूठी में सवा पांच रत्ती का पुखराज दाएं हाथ की तर्जनी ऊँगली में धारण करें। बहते जल में बादाम, तेल और नारियल प्रवाहित करें। मांसाहार-मद्यपान से परहेज करें

शुक्र दोष 
कुंडली में शुक्र दोष के कारण त्वचा संबंधी रोग, राजनीति के क्षेत्र में हानि, प्रेम व दापंत्य संबंधों में अलगाव और जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर तनाव जैसी समस्याएं होती हैं। 

उपाय
शुक्र दोष दूर करने के लिए माँ लक्ष्मी की आराधना करें और रोज रात में 'ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसिद प्रसिद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:' मंत्र का 1 माला जाप करें। मंदिर में गाय का घी दान करें और आलू में हल्दी या केसर लगाकर गाय को खिलाएँ। चांदी या मिटटी के बर्तन में शहद भरकर घर की छत पर दबा दें। शुक्रवार के दिन मंदिर में कांसे के बर्तन का दान करें।

शनि दोष 
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में शनि की स्थिति ठीक ना हो तो पैतृक संपत्ति की हानि, बीमारी, मुकदमे के कारण तनाव और बनते हुए काम का बिगड़ जाना जैसी समस्याएँ होती हैं। 

उपाय:
शनि दोष शांत करने के लिए भगवान भैरव की आराधना करें और 'ऊं प्रां प्रीं प्रौं शं शनिश्चराय नम:' मंत्र का 1 माला जाप करें। शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक करें। 43 दिन तक लगातार शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को नीले फूल चढ़ाएं। कौवे को दूध और चावल खिलाने से शनि दोष दूर होता है। शनिवार को किसी बर्तन में तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर बर्तन को जमीन में दबा दें। शनिवार के दिन दूध और उड़द को जल में प्रवाहित करें।

राहु दोष:
किसी जातक की कुंडली में राहु दोष हो तो अचानक दुर्घटना, लड़ाई-झगड़ा, व्यापार में घाटा और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। 

उपाय:
राहु दोष दूर करने के लिए माँ सरस्वती की आराधना करें और 'ऊं ऐं सरस्वत्यै नम' मंत्र का 1 माला जाप करें। तांबे के बर्तन में गुड़ और गेहूं भरकर बहते जल में प्रवाहित करें। घर की दहलीज के नीचे चांदी का पत्ता लगाएँ। राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए घर में सीढ़ियों के नीचे रसोईघर का निर्माण ना करें। रात में पत्नी के सिर के नीचे 5 मूली रखें और अगले दिन सुबह मंदिर में मूली का दान कर दें। लगातार 6 दिन तक मां सरस्वती के चरणों में नीले पुष्प की माला चढ़ाएं। 

केतु दोष 
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में केतु दोष के कारण जोड़ों में दर्द से परेशानी, फोड़े-फुंसी, धन की हानि और संतान को हानि हो सकती है।  

उपाय:
केतु दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान गणेश की आराधना करें और 'ऊं गं गणपतये नम:' मंत्र का 1 माला जाप करें। गणेश अथर्व शीर्ष का पाठ करें। घर के मुख्य द्वार पर दोनों तरफ तांबे की कील लगाएं। पीले कपड़े में सोना और गेहूं बांधकर ब्राह्मण को दान करें। लगातार 43 दिन तक मंदिर में केला दान करें। बहते जल में काले व सफेद तिल को प्रवाहित करें। बाएं हाथ की ऊँगली में सोना पहनने से केतु दोष में लाभ होता है।
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