एक सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए घर में बच्चों की किलकारियां भी कहीं न कहीं महत्वपूर्ण होती हैं, क्योंकि जिन दम्पत्तियों को संतान नहीं होती या संतान प्राप्ति में मुश्किलें आती हैं उनका दुख केवल वही समझ सकते हैं साथ ही हमारा समाज भी उन महिलाओं को घृणा की दृष्टि से देखने लगता है, जो किसी कारण बस मां नहीं बन पातीं।
अक्सर संतान प्राप्ति के लिए कुछ दम्पत्ति महज एक संतान के लिए अपनी सारी दौलत लुटाने को तैयार रहते हैं, जिसका फायदा कई बार ऐसे लोग भी उठा लेते हैं, जो ढोंगी होते हैं और हालातों के मारे बे-औलाद दम्पत्ति चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के कुछ ऐसे उपाय होते हैं, जो एक निराश दम्पत्ति के लिए आशा की किरण बन सकते हैं तो चलिए जानते हैं कौन से वो उपाय हैं जिनसे संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं।
शास्त्रों में लिखे गए लेख के अनुसार देखा जाए तो संतति की प्राप्ति से सद्गति प्राप्ति होती है, इसीलिए संतान का इतना महत्व माना गया है। आखिर क्यों इस समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है क्यों समाज के ताने सुनने पड़ते हैं। दरअसल यह सब केवल इसलिए होता क्योंकि कालसर्प योग और कुंडली के भावों में कहीं न कहीं गड़बड़ी होती है। आज इस लेख के माध्यम से हम कुछ कारगर उपाय बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में संतान सुख की प्राप्ति के सफल प्रयास कर सकते हैं।
राहू और केतु के पूजन से बदलेगी किस्मत
अगर संतान सुख की लालसा है और कोई सरल उपाय अभी तक नजर नहीं आया है तो एक बार इस उपाय को अपनाएं और राहू केतु की आराधना से समस्त क्लेशों को दूर करते हुए संतति प्राप्ति की बाधाओं को निष्क्रिय करने का काम राहू और केतु ही कर सकते हैं क्योंकि इनको खुश करने से ही घर में किलकारियां गूंज सकती हैं। आपकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की और नक्षत्रों की स्थिति भी संतान प्राप्त की राह में बाधा बन सकती है। कुंडली में राहु और केतु का स्थान यह निश्चित करता है कि आपको संतान प्राप्ति होगी या नहीं होगी अथवा संतान की प्राप्ति कब होगी? राहु और केतु आपकी कुंडली में नकारात्मक दोष उत्पन्न करते हैं जिसकी वजह से संतान प्राप्ति की राहत और भी मुश्किल हो जाती है आपके पूर्व कर्मों अनुसार ही आपका भविष्य होता है।
राहु और केतु को खुश करने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का विधि पूर्वक जाप करें
1. अर्धकायं महावीर्यं चंद्रादित्यविमर्दनम्। सिंहिंकागर्भशंभूतम् तं राहुं प्रणमाम्यहम्।।
2. ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः।
3. पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्। रौद्रं रौद्रात्मकम् घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।
स्कन्द माता की पूजा अर्चना करने से मिलेगा संतान सुख
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है लेकिन इन नौ रूपों में से एक स्कंदमाता जिन्हें संतान दात्री के रूप में भी जाना जाता है अर्थात इनकी पूजा करके, ऐसा दंपत्ति जो संतान प्राप्ति की चाह रखता है, वह अपने घर में किलकारियायों की गूंज पा सकता है।
स्कंदमाता की पूजा अर्चना करते हुए इस मंत्र का जाप करें
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रित कर्द्वया।
सुखदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी।।
वास्तु के निवारण से घर में गूंजेंगी किलकारियां
कहते हैं घर में कभी-कभी नकारात्मक उर्जा कभी संचार होने लगता है, जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है जिनमें से एक समस्या संतान सुख ना मिलने की भी होती है। अपने घर में समस्त वास्तु दोषों को दूर करने का उपाय करें। ऐसे दंपत्ति जो संतान सुख चाहते हैं वह निश्चय करें कि घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष ना पनपे।
पितृदोष संतान प्राप्ति में बाधा बन सकता है?
मानव जीवन में कई तरह के दोष होते हैं जिनमें से एक है पितृदोष, अपने पूर्वजों के अंतिम संस्कार किसी भी प्रकार की भूल हो जाने के कारण लोगों में पितृदोष चढ़ जाता है। पितरों को तारने के लिए उनका श्राद्ध किया जाता है उनकी मुक्ति के लिए प्रार्थना की जाती है जिससे पितृदोष दूर होता है और भविष्य में होने वाली संतान प्राप्ति की बाधा भी दूर होती है।