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अगर आप भी हैं कालसर्प दोष से ग्रस्त तो आसानी से इन उपायों से पायें छुटकारा

By Astro panchang | Apr 19, 2020

कालसर्प दोष पिछले जन्म के किसी अपराध का पाप दंड या शाप के कारण जन्मकुंडली मे होता है। इस दोष से मनुष्य आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशान रहता है तथा उसे संतान संबंधी कई प्रकार की कठिनायों का सामना भी करना पड़ता है। काल सर्प दोष की वजह से व्यक्ति बिना ही किसी मुख्य कारण के हानि का सामना करता रहता है और व्यक्ति पूरा जीवन परेशानियों से घिरा रहता है।

हिन्दू ज्योतिषशास्त्र में 9 ग्रह बताए गए हैं और यह 9 ग्रह कुंडली के 12 भावों के अनुसार अपनी-अपनी स्थितियों के स्वरूप फल देते हैं। इन्ही दोषों में एक है कालसर्प दोष। यह कालसर्प दोष तब बनता है जब मनुष्य  की कुंडली में 9 में से 7 ग्रह राहु-केतु के बीच में आ जाते है। साथ ही ग्रहों के अनुसार ही कुंडली में दोष का निवारण भी बताया जाता है।

कालसर्प दोष की पहचान

1 ऐसे लोगों को रात में डरावने सपने आते हैं। लोगों के मन में अक्सर डर बना रहता है।

2 ऐसे लोगों को सपने में अक्सर सांप दिखाई देता हैं और घर परिवार में विवाद का माहौल बना रहता है।

3 काल सर्प दोष पीड़ित लोगों को लगता है जैसे उनके पास कोई भूत खड़ा है और यही कारण है कि ऐसे लोगों के समाज में शत्रुओं की संख्या बढ़ती रहती है।

4 ऐसे लोगों को अनहोनी की आशंका बनी रहती है जिसके कारण सफलता में रुकावटें आती हैं।

5 ऐसे लोग लम्बे समय से बीमारी से ग्रसित रहते हैं और सफल इलाज मिलना मुश्किल हो जाता है।

कालसर्प दोष का निवारण

1 ज़रूरतमंदों और गरीबों को काले रंग का कंबल दान करें इससे कालसर्प दोष कम होता है।

2 कालसर्प दोष की पूजा-अर्चना कुंभ लगने वाले स्थानों पर करवाएं जैसे- इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक में।

3 निवारण के लिए पवित्र नदियों मे चांदी या फिर तांबे का बना नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करें इससे कालसर्प दोष संबंधित समस्या का समाधान होगा।

4 काल सर्प दोष के निवारण के लिए भगवान भोले नाथ जी की सुबह-शाम आरती करें और भोग लगाएं। कालसर्प दोष होने पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करना शुभ माना गया है क्योकि सर्प भगवान भोलेनाथ को प्रिय है और भोलेनाथ सर्प की माला भी इसीलिए पहनते हैं।

5 पीपल के पेड़ की शनिवार को पूजा और दिया जलाना चाहिए साथ ही पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करने से भी कालसर्प दोष से निवारण मिलता है।

6 कालसर्प दोष के पूजा के लिए उज्जैन या नासिक सबसे ज्यादा प्रचलित हैं, संभव हो तो निवारण के लिए वहां जाकर दोष निवारण संबंधित पूजा करवाएं।

 कालसर्प दोष के प्रकार
1 शंखपाल कालसर्प दोष 
2 शेषनाग कालसर्प दोष
3 तक्षक कालसर्प दोष
4 शंखनाद कालसर्प दोष
5 अनंत कालसर्प दोष 
6 विषाक्तर कालसर्प दोष 

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