By Astro panchang | Jun 07, 2019
ॐ जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट क्षण में दूर करे || ॐ जय ||
जो ध्यावे फल पावे दुःख विनाशे मनका
सुख संपति घर आवे कष्ट मिटे तनका || ॐ जय ||
मात पिता तुम मेरे शरण गहुँ किसकी
तुम बिन और न दूजा आस करू जिसकी || ॐ जय ||
तुम पूरण परमात्मा तुम अंतर्यामी
पारब्रम्हा परमेश्वर तुम सबके स्वामी || ॐ जय ||
तुम करुणा के सागर तुम पालन करता
मैं मुरख खलकामी कृपा करो भरता || ॐ जय ||
तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पती
किस विधि मिलूं गुसाई तुमको मैं कुमती || ॐ जय ||
दीनबंधु दुःख हरता तुम रक्षक मेरे
अपने हाथ उठाओ द्वार पड़ा तेरे || ॐ जय ||
विषय विकार मिटाओ पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढाओ संतान की सेवा || ॐ जय ||
तन मन धन जो कुछ है, सब ही है तेरा
तेरा तुझको अर्पण, क्या लगत मेरा || ॐ जय ||